आवास विकास और पुलिस खिलाफ नारेबाजी होने लगी। कई महिलाओं के हाथ में सीएम योगी आदित्यनाथ की फोटो थी। इसके नीचे कैप्शन लिखा था- ‘योगी जी मदद करिए’। डेढ़ घंटे तक विरोध के बाद टीम को उल्टे पैर लौटना पड़ा।
हालांकि इंजीनियरों ने 7 दिन बाद फिर से कार्रवाई करने की बात कही है। स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सिंह का कहना है कि यहां रहते लगभग 4 साल से अधिक हो गए। सबके मकान की रजिस्ट्री है। मौके पर आए इंजीनियरों से बात की गई तो वो कोई कागज नहीं दिखा पाए।
तस्वीरों में देखें आवास विकास और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लोगों का विरोध…
तस्वीर- 1. जैसे ही इलाके में टीम पहुंची महिलाएं इकट्ठा हो गईं। सभी विरोध करने लगे।
तस्वीर- 2. महिलाएं आवास विकास के अधिकारियों को जमीन का कागज दिखाने लगीं।
तस्वीर- 3. लोगों के हाथ में रजिस्ट्री के साथ कई ऐसे पेपर थे जिनमें सीएम योगी की फोटो थी।
तस्वीर- 4. बुलडोजर के सामने आकर विरोध करने से अधिकारियों को उल्टे पैर लौटना पड़ा।
महिला पुलिस नहीं होने से बैक फुट पर प्रशासन
जब महिलाएं बुलडोजर के सामने आईं तो उनको हटाने के लिए सामने आई पुलिस से भी वह उलझ गईं। इलाके के 300 लोग आवास विकास और पुलिस प्रशासन पर भारी पड़े। लोगों ने इस स्तर पर विरोध किया कि आवास विकास की टीम के पास पीछे हटने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।
निजी प्रापर्टी डीलर ने बेची है जमीन
यहां निजी प्रापर्टी डीलर आलोक यादव ने प्लाटिंग कर जमीन बेची है। वैसे तो यह सोसाइटी रेरा और बाकी मानक के खिलाफ है, लेकिन लोगों के पास जमीन के पूरे पेपर हैं।