लखनऊ के गोमती नगर विस्तार में बालू कारोबारी ने गोली मारकर सुसाइड कर लिया। कारोबारी की पहचान सतीश सोनी के रूप में हुई है। वह मूलरूप से चंपारण (बिहार) का रहने वाला था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
बताया जा रहा है कि सतीश का उसकी दूसरी पत्नी से विवाद चल था। गोली मारने से पहले उसने दूसरी पत्नी की मां से कहा- मुझे आखिरी बार शालू (पत्नी) से मिला दीजिए। घटना के बाद शालू ने खुद को घर में बंद में कर लिया। पुलिस ने दरवाजा खुलवाने की, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।
घर पर मां के नाम लिखा सुसाइड नोट मिला
सतीश के घर पर एक पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। जो उसने अपनी मां के नाम लिखा है। सुसाइड नोट में लिखा है- मुझे कोई समझ नहीं पाया। ना मैं लालची हूं, ना मतलबी हूं। मेरे में कमियां बहुत हैं, इसी वजह से मुझे कोई समझ ना सका।
सबसे पहले घटना स्थल की 3 तस्वीरें देखिए
पहली पत्नी से चल रहा तलाक का केस
सतीश लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में मोरंग बालू का व्यापार करता था। उसने दो शादी की थी। पहली पत्नी बिहार के चंपारण में रहती है। उससे तलाक का केस चल रहा है। दूसरी पत्नी शालिनी उर्फ शालू पाठक गोमतीनगर विस्तार के अवधपुरी कॉलोनी में रहती है।
सतीश दोपहर में शालू से मिलने पहुंचा था। सतीश और शालू की शादी 2017 में आर्य समाज मंदिर में हुई थी। दोनों की एक चार साल की बेटी है। पहली पत्नी भी इस समय लखनऊ में ही थी।
सास से बोला- आखिरी बार मिला दीजिए
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि सतीश की दूसरी पत्नी शालू का फोन सुबह से बंद था। वो पत्नी से मिलने के लिए उनके घर पहुंचा तो गेट बंद था। घर पर सतीश की सास थीं। सतीश ने सास से कहा कि आखिरी बार मुझे शालू से मिला दीजिए।
सास ने कहा- हां मिला दूंगी। इस दौरान वह शालू को फोन करता रहा। इसी बीच सतीश ने पिस्टल निकाली और मुंह में गोली मार ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम को भी बुलाया। टीम ने जांच की और सारे सबूत इकट्ठा किए। मौके से पिस्टल भी बरामद की है।
बहन बोली- भाई से पैसे वसूलती थी शालू
मामले की जानकारी होते ही सतीश की बहन संगीता, पहली पत्नी बेबी सोनी के साथ परिवार के लोग भी मौके पर पहुंच गए। बहन संगीता ने रोते हुए दैनिक भास्कर को बताया- सतीश सुशांत गोल्फ सिटी में पिता रमेश सोनी के साथ रहता था। शालू हमेशा मेरे भाई से पैसों की डिमांड करती थी। पैसे न देने पर वो धमकी देती थी। इसी बात से भाई परेशान रहता था।
प्रॉपर्टी बनी सुसाइड की वजह
सतीश के करीबियों ने बताया कि परिवार में लंबे समय से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा था। सतीश ने गोमतीनगर के उजड़ियांव में एक मकान बनवाया था, उसे बहन संगीता ने ले लिया। एक कॉम्प्लेक्स इंदिरा नगर के सेक्टर सी में है, जिसकी कीमत करोड़ों में है। इसी प्रॉपर्टी को लेकर छोटे भाई मुकेश से विवाद भी हुआ था।
दो दिन पहले ही पावर ऑफ अटार्नी का कागज तैयार कराया था। छोटे भाई से सिग्नेचर करने को कहा तो उसने एक करोड़ रुपए मांगे। इस बात से सतीश परेशान था।
दोस्त को मैसेज किया- बेटी का बीमा कर देना
सतीश ने सुसाइड से पहले अपने दोस्त विक्की को एक मैसेज किया था। मैसेज में लिखा, बेटी का बीमा कर देना, आखिरी बार मिलने जा रहा हूं। मैसेज मिलने के बाद विक्की सतीश के घर पहुंचा तो दरवाजा खुला मिला। अंदर गया एक सुसाइड नोट मिला। बाद में विक्की को सतीश के सुसाइड की जानकारी मिली।
डीसीपी बोले- पारिवारिक विवाद में सुसाइड
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि गोली मारने की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। घायल अवस्था में सतीश को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सुसाइड की वजह पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है। मामले की जांच की जा रही है।
अब पढ़िए सतीश ने सुसाइड नोट में क्या लिखा है
‘शायद, मेरी जिंदगी का आखिरी पत्र… आई लव यू मम्मी, दीदी, तिशा, मेरी जान शालू। ये खत सिर्फ मेरी मां के लिए है। बड़े दुख के साथ कह रहा हूं की मुझे कोई समझ नहीं पाया, ना मैं लालची हूं और ना मतलबी हूं। मगर ये भी सच है की मेरे में कमियां बहुत हैं। इसी वजह से मुझे कोई समझ न सका।
मेरी एक्सिस और कोटेक बैंक में पॉलिसी है। जेसीबी विजय यादव के पास है। 80,000 महीने के हिसाब से 60 किस्त पे मैंने उसे दिया है। 6 किस्त मिल चुकी है। 54 बाकी है। बाकी किस्त मिलने के बाद जेसीबी विजय की हो जाएगी।
पोकलैंड मशीन राजन शुक्ला के पास है। मुकेश से कहना बिल्डिंग लेके खुश रहे। और हां पोकलैंड मशीन को किस्त पूरी हो गई है। मगर जेसीबी की तीन किस्त 75000 के हिसाब से टोटल 2,25,000 बाकी है, वो देकर जेसीबी फ्री हो जाएगी।
कहना तो बहुत कुछ है मगर कोई फायदा नहीं। जब आज तक किसी ने कुछ नहीं समझा तो अब क्या समझना। अब घुट-घुट के मुझसे और नहीं जिया जाता। मैं एक आखरी बार तिशा से मिलने कि कोशिश में जा रहा हूं।’