रुपईडीहा बहराइच। गत 21 अगस्त को शाम 5 बजे गंगापुर मोड़ पर घर जा रहे आलोक सिंह पुत्र राजकुमार सिंह निवासी नरैनापुर दा. सुमेरपुर थाना रुपईडीहा को एसएसबी के इंस्पेक्टर कुमार ऋतुराज व सिपाही दिनेश कुमार ने रोककर उसके पास 34 ग्राम स्मैक की बरामदगी दिखा दी। स्थानीय पुलिस को सम्मिलित कर उसे एनडीपीएस की धाराओं में जेल भेज दिया।
माननीय न्यायालय बहराइच ने इस मामले को फर्जी व मनगढ़ंत देखकर आलोक सिंह को 23 अगस्त को ही जमानत पर रिहा कर दिया। उक्त जानकारी देते हुए होमगार्ड के कंपनी कमांडर राजकुमार सिंह ने बताया कि एसएसबी के रुपईडीहा बीओपी पर सिपाही दिनेश कुमार कार्यरत है। मेरे ही गांव के पूर्व प्रधान शिवनाथ के सगे मामा बंशी का पुत्र है। शिवनाथ से मेरी राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता है। दिनेश ने एसएसबी के इंस्पेक्टर कुमार ऋतुराज से साजिश की। दोनो ने मिलकर मेरे पुत्र के पास फर्जी स्मैक की बरामदगी दिखाई।
मेरे पुत्र को ये लोग रुपईडीहा के आईसीपी रोड ले गए। वहां लाठी डंडों से मेरे पुत्र की पिटाई की गई फिर उसे ऋतुराज व दिनेश कुमार निबिया गांव स्थित हनुमान मंदिर ले गए वहां फिर पीटा व कनपटी पर पिस्टल लगाकर कहा कि जान से मार देंगे। हम जो कहेंगे वही तुम्हे कहना है। फिर थाने के 2 सिपाहियों को वहां बुलाया। सभी मेरे पुत्र को लेकर थाने आ गए। वहां कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराया गया। मेरे पुत्र को कागजों को पढ़ने तक नही दिया गया।
राजकुमार सिंह ने यह भी बताया कि ऋतुराज इस इंडो नेपाल बार्डर पर कुछ बड़े अंतर्राष्ट्रीय तस्कर गैंग के सरगना से सांठ गांठ किये हुए हैं। विभाग को अपना गुडवर्क दिखाने के लिए फर्जी बरामदगी दिखाकर लोगो को जेल भेजवा रहे हैं। उन्होंने संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि सौ ग्राम या उससे ऊपर स्मैक की बरामदगी 6 माह पूर्व दिखाई जाती थी। परंतु अब इंस्पेक्टर कुमार ऋतुराज 20, 30 व 40 ग्राम तक स्मैक की बरामदगी दिखाते हैं।
राजकुमार सिंह ने यह भी कहा कि इस बार्डर पर एक शब्द लाइन प्रचलित है। इसका मतलब होता कि दोनों देशों के अधिकारियों को लेनदेन कर पटा लिया गया है। इसी वजह से यहां बड़े पैमाने पर स्मैक व नशीली दवाओं की तस्करी जारी है।
नीरज कुमार बरनवाल रुपईडीहा
24/8/2024