लखनऊ हाई कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अयोध्या दुष्कर्म मामले में पीड़िता के भ्रूण की डीएनए रिपोर्ट को अगली तारीख पर न्यायालय में तलब किया है। न्यायालय ने अपने आदेश में यह रिपोर्ट निदेशक, विधि विज्ञान प्रयोगशाला को एक सप्ताह में देने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए न्यायालय ने अगली तारीख 30 सितंबर की तारीख नियत की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने अभियुक्त मोईद अहमद की जमानत याचिका पर सुनवाई के पश्चात पारित किया है। अभियुक्त की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया की अभियुक्त 71 वर्ष का वृद्ध व्यक्ति है।
अभियुक्त के अधिक्ता की दलील
अभियुक्त को इस मामले में उसे राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है। अभियुक्त के अधिवक्ता ने न्यायालय को यह भी बताया की अभियुक्त को कोई भी दस्तावेज प्रदान नहीं किया जा रहा है, जिससे वह अपना मुकदमा लड़ सके।
राज्य सरकार के अधिवक्ता ने जमानत का किया विरोध
याचिका पर सुनवाई के समय राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ता अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने जमानत का विरोध करते हुए न्यायालय को बताया की मामला बहुत ही गंभीर प्रकृति का है, पीड़िता नाबालिग है। अभियुक्त व उसके नौकर द्वारा किए गए दुराचार की पीड़िता नाबालिक है।न्यायालय को यह भी बताया गया कि घटना के बाद पीड़िता गर्भवती भी हो गई, जिसके गर्भपात के बाद डीएनए जांच के लिए सैंपल भेज गया है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने डीएनए जांच की रिपोर्ट अगली तारीख पर न्यायालय में तलब कर लिया है।