राजधानी लखनऊ के थाना हजरतगंज क्षेत्र में 85 लाख की ठगी के मामले में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने DCP (मध्य) को लापरवाही के लिए माफी मांगने पर मजबूर कर दिया। साथ ही, विवेचना अधिकारी गोरखनाथ चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
ठगी का मामला और एफआईआर दर्ज
शिकायतकर्ता अमित कुमार ने 21 नवंबर 2023 को थाना हजरतगंज में श्याम कुमार दुबे, प्रेमकला, और राजेश कुमार यादव के खिलाफ 85 लाख की ठगी का मामला दर्ज कराया था। लेकिन, 9 महीने बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी और आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया।
अधिवक्ता मोहित शर्मा ने हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने डीसीपी (मध्य) लखनऊ से व्यक्तिगत शपथ पत्र मांगा। DCP ने विवेचना में हुई लापरवाही को स्वीकार किया।
साथ ही कोर्ट को आश्वासन दिया कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। आईपीएस कमेलश दीक्षित ने शपथ पत्र में लिखा डीसीपी (मध्य) के अवकाश पर होने की वजह से डीसीपी (अपराध) ने दाखिल किया है।
विवेचना अधिकारी पर कार्रवाई, जांच शुरू
शपथ पत्र के जरिए न्यायालय को बताया गया कि विवेचना अधिकारी गोरखनाथ चौधरी की लापरवाही के चलते जांच प्रभावित हुई। उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही सहायक पुलिस आयुक्त को निर्देशित किया गया कि विशेष टीम गठित कर आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले का निस्तारण शीघ्र किया जाए।
फटकार के बाद एक आरोपी गिरफ्तार
हाईकोर्ट की फटकार के बाद लखनऊ पुलिस ने महज दो दिनों में कार्रवाई करते हुए आरोपी राजेश कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि भविष्य में न्यायालय के आदेशों का समय पर पालन सुनिश्चित किया जाए। यह मामला पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।