Breaking News

लखनऊ में सुबह बांग्लादेशियों ने निगमकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बवाल की सूचना मिलते ही मेयर सुषमा खर्कवाल मौके पर पहुंचीं।

लखनऊ में सुबह बांग्लादेशियों ने निगमकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बवाल की सूचना मिलते ही मेयर सुषमा खर्कवाल मौके पर पहुंचीं। कहा- जेसीपी साहब इनके खिलाफ कार्रवाई करो, नहीं तो धरने पर बैठूंगी। भले ही मेरी सरकार है।

इसके बाद निगम की टीम ने इंदिरा नगर थाने के पीछे खाली प्लॉट में बनी 50 झुग्गियां को 2 घंटे में तोड़ दिया। इन झुग्गियों में रहने वाले अपना सामान निकालकर गाड़ियों से ले गए। इस बीच की पड़ताल में चौंकाने वाला बात सामने आई।

लखनऊ में सिर्फ इंदिरा नगर में ही बांग्लादेशी झोपड़ियों में नहीं रह रहे। शहर में 50 से अधिक ऐसी जगह है, जहां पर ये अवैध तरीके से रहते हैं। ठेलियों से कूड़ा उठाते हैं। पड़ताल में पता चला कि कूड़ा से मोटा मुनाफा होता है। शहर में इनका गैंग बना हुआ है क्योंकि लखनऊ में कूड़ा उठाने का कारोबार लगभग 5 करोड़ रुपए का है।

रविवार सुबह जब नगर निगम की टीम पहुंची तो बांग्लादेशियों ने हंगामा कर दिया।
रविवार सुबह जब नगर निगम की टीम पहुंची तो बांग्लादेशियों ने हंगामा कर दिया।
निगम कर्मचारियों से मारपीट करने वाले आरोपी।
निगम कर्मचारियों से मारपीट करने वाले आरोपी।
मेयर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह मौके पर पहुंचे।
मेयर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह मौके पर पहुंचे।

शहर में दो तरीके से उठता है कूड़ा

शहर में दो तरह की व्यवस्था से लोगों के घरों से कूड़ा उठाया जा रहा है। इसमें एक नगर निगम की तरफ से कूड़ा उठाने के लिए अधिकृत की गई एजेंसी है। दूसरा, करीब 50 ठेकेदार कूड़ा कलेक्शन कराते हैं। कूड़ा उठाने के लिए ठेकेदार असम, बंगाल सहित अन्य जगहों के रहने वाले लोगों से काम लेते हैं।

वह खाली पड़े प्लाटों में इन्हें झुग्गियों में बसाकर कूड़ा उठवाते हैं। नगर निगम अधिकारियों की तरफ से किए गए सर्वे में भी इसका खुलासा हुआ है। ग्रीन कॉरिडोर के साथ में कई जोन में इस तरह की स्थिति बनी हुई है।

कूड़ा उठाने में लगे हैं 10 हजार लोग

मटियारी, चादन, खुर्रम नगर, आलमबाग, कैसरबाग, जियामऊ, सरोजनी नगर, सुल्तानपुर रोड, गोमती नगर सहित कई जगहों पर अवैध तरीके से झुग्गियां बनाई गई हैं। इसमें ठेकेदारों और सभी विभागों के कर्मचारियों की मिलीभगत होती है।

इसमें से कुछ को डोर टू डोर से कूड़ा कलेक्शन के लिए लगाया जाता है, जबकि कुछ लोगों को अखबार, बोतल सहित कबाड़ बीनने या खरीदने के काम में लगाया जाता है। ये लोग कबाड़ में मिली कीमती चीजें कम दाम पर ठेकेदार को दे देते हैं। शहर में ऐसे लोगों की संख्या करीब 10 हजार है।

इंदिरा नगर में अवैध रूप से रह रहे लोगों की झोपड़ियां तोड़ दी गईं।
इंदिरा नगर में अवैध रूप से रह रहे लोगों की झोपड़ियां तोड़ दी गईं।

ठेली से 200 मीट्रिक टन कूड़ा उठता है

10 हजार की संख्या में लोग शहर के 8 जोन के अलग-अलग इलाकों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम करते हैं। इसमें हर घर से 100 रुपए महीने कूड़े उठाने की वसूली करने के साथ में कबाड़ को बेचने का काम भी होता है। एक दिन में 10 हजार लोग करीब 200 मीट्रिक टन कूड़ा डोर टू डोर कलेक्शन के जरिए करते हैं।

इसके साथ ही करीब 1 लाख घरों से एक करोड़ रुपए कूड़ा उठाने के नाम पर एक महीने में लिया जाता है। कम से कम 5 करोड़ रुपए का कबाड़ बेचने का काम किया जाता है। ऐसे में इस गैंग में शामिल लोगों की बड़ी कमाई होती है, जिसके चलते यह कॉकस बना हुआ है।

दो एजेंसियों को मिला है कूड़ा कलेक्शन का टेंडर

नगर निगम की तरफ से रैमकी कंपनी को कूड़ा उठाने के लिए 1 जनवरी से टेंडर दिया गया है। तीन जोन में लॉयन सिक्योरिटी काम करेंगी। रैमकी जोन 1,3,4,6,7 और लायन कंपनी 2,5,8 में कूड़ा कलेक्शन का काम करेगी।

नगर आयुक्त बोले- निचले स्तर के लोग मिले हुए

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी। खाली प्लॉट में लोगों ने किराए पर लोगों को रखा हुआ है। सबमर्सिबल और बिजली का कनेक्शन भी दे दिया गया है। हर घर से कूड़ा लिया जाता है, इसमें जरूरी कबाड़ को निकालकर बेचते हैं। इस काम में विभाग के नीचे के लोग भी मिले हुए हैं।

हमारे पास गाड़ियों के साथ में मैन पावर भी है। अवैध ढंग से बसने वाली झुग्गियां ठेकेदार के कमाई का मेन जरिया है। जोन सात में अभी भी कई जगहों पर अवैध तरीके से लोग रह रहे हैं। जोन छह में

ठेली से कूड़ा उठाने वाले बोले ठेकेदार देते हैं आधा दाम

इंदिरा नगर थाने के पीछे स्थित झुग्गी में रहने वाले मेंहदी इस्लाम बताते हैं कि ठेकेदार के कंट्रोल में काम होता है। चार हजार के माल का दो हजार रुपए में मिलता है। कूड़े को छांटना पड़ता है। बोतल अलग और गत्ता अलग करना होता है। महीने में 3-4 हजार रुपए कूड़ा बेचकर कमाते हैं। इसके साथ ही लोगों से घरों से कूड़ा उठाने पर कुछ पैसे मिलते हैं।

मेंहदी ने बताया- पहले नगर निगम में कूडा उठाने का काम करते थे। कूड़ा टंकी में गिराते थे, अब वहां पर नहीं गिराते हैं। कूड़ा पहले खुर्रम नगर में गिरा देते थे। सुपरवाइजर को पैसा देते थे, अब मुंशी पुलिया पर देते हैं। ठेकेदार इसमें रहने वाले कबाड़ को ले लेता है। ठेलिया पकड़ने के चक्कर में 2-3 हजार रुपए तक लोगों को देना पड़ा है। पिछले दो महीने से कार्रवाई हो रही।

असलम ने कहा कि बहन की झोपड़ी तोड़ दी गई। वे लोग 20 साल से यहीं रह रहे थे।
असलम ने कहा कि बहन की झोपड़ी तोड़ दी गई। वे लोग 20 साल से यहीं रह रहे थे।

बहनोई का घर उजड़ गया

सूफिया ने बताया- असम के गुवाहाटी की रहने वाली हूं। हमें कुछ पता नहीं है। हम चारा भूसा का काम करते हैं। वहीं, असलम का कहना है कि मेरी बहन और बहनाई की झुग्गी तोड़ दी गई। मेरा दिल टूट गया है। 20 साल से हम रह रहे थे।

वहीं, यहां पर रहने वाले कुछ लोगों ने कहा कि हम लोगों ने मारपीट नहीं कि जबकि कुछ लोगों ने कहा कि नगर निगम के लोगों ने जबरन ठेलियां छीन लीं। इसके कारण लोग गुस्सा हुए, जिसके बाद विवाद हो गया।

दो हजार मिट्रिक टन कूड़ा एक दिन में निकल रहा

लखनऊ नगर निगम के आठों जोन से करीब दो हजार मिट्रिक टन कूड़ा एक दिन में निकलता है। इसका निस्तारण शिवरी में किया जाता है। कूड़ा उठाने की दो एजेंसी फिलहाल शहर में काम कर रही हैं। इसमें लॉयन सिक्योरिटी गार्ड के पास में पांच और लखनऊ स्वच्छता अभियान के पास में 3 जोन हैं। कंपनी की एक गाड़ी एक हजार घरों से कूड़ा उठाती है। 100 रुपए एक घर से कूड़ा उठाने के लिए जाते हैं।

महापौर ने पुलिस और बिजली विभाग पर लगाया आरोप

महापौर सुषमा खर्कवाल ने पुलिस और बिजली विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत करके अवैध तरीके से लोगों को बसाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि नियमों का उल्लंघन कर गलत ढंग से बिजली का कनेक्शन दिया जाता है। इसके साथ ही पुलिस के लोग भी इन लोगों को बसाने में शामिल रहते हैं।

About admin

Check Also

लखनऊ के मड़ियांव थानाक्षेत्र के शंकरपुर गांव में 22 साल की युवती पर चाकू से सिरफिरे ने हमला कर दिया।

लखनऊ के मड़ियांव थानाक्षेत्र के शंकरपुर गांव में 22 साल की युवती पर चाकू से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *