
महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) शुरू हो चुका है। हाथों में तलवार-त्रिशूल, डमरू। पूरे शरीर पर भभूत। घोड़े और रथ की सवारी। हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए नागा साधु-संत संगम पहुंच रहे हैं।
निर्वाणी-निरंजनी के अखाड़े के संत स्नान कर चुके हैं। अब जूना अखाड़े संत संगम के लिए निकले हैं। नागा साधुओं के स्नान को देखने के लिए संगम क्षेत्र में करीब 15 से 20 लाख श्रद्धालु हैं। देश-दुनिया से आए भक्त साधु-संतों का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक हैं।
संगम की ओर जाने वाले सभी रास्तों में 8 से 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला है। स्नान के लिए सभी 13 अखाड़ों को अलग-अलग 30-40 मिनट का समय दिया है। दुनियाभर की मीडिया और 50 से ज्यादा देशों के श्रद्धालु संगम पर हैं।
जर्मनी से आए थॉमस ने कहा-
मुझे लगता है कि पानी ठंडा होगा, लेकिन मैं स्नान जरूर करूंगा। मैं यहां आध्यात्मिक शक्ति को महसूस करने आया हूं।
महाकुंभ में 60 हजार पुलिसकर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। प्रयागराज में वाहनों की एंट्री को रोक दिया गया है। महाकुंभ में पहली बार शाही स्नान की जगह अमृत स्नान शब्द का इस्तेमाल किया गया। अखाड़ों ने नाम बदलने का प्रस्ताव दिया था।
3 और बड़ी बातें-
- एपल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लारेन पॉवेल ने संगम में डुबकी लगाई।
- भीड़ को देखते हुए आज लेटे हुए हनुमान मंदिर को बंद कर दिया गया है
- यति नरसिंहानंद के कैंप के बाहर से पुलिस ने अयूब नाम के संदिग्ध युवक को पकड़ा है। वह आयुष नाम बताकर अंदर पहुंचा था।



