
लखनऊ में एसटीएफ जवान बनकर घर में घुसकर मारपीट और चोरी करने वाले तीन बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों को चिनहट के पास से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से 10 हजार नकद और 1 अवैध देशी तमंचा 0.315 बोर और घटना में इस्तेमाल 1 स्विफ्ट कार (UP32 NJ 1195) बरामद की गई है।
पुलिस पूछताछ में तीनों की पहचान तीरथ राम यादव, जीतू यादव और योगेश सिंह के रूप में हुई है। आरोपी जीतू पीड़ित का पुराने परिचित है। दोनों के बीच में पैसे को लेकर विवाद था। जिसके बाद जीतू ने अपने साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। पुलिस घटना में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
पिस्टल की बट से वार किया
कुशीनगर के रहने वाले आदित्य सिंह एक हफ्ते पहले लखनऊ आए थे। यहां पर चिनहट स्थित दयाल फॉर्म में रह रहे थे। आदित्य ने बताया कि देर रात कुछ बदमाश घर में घुसकर लूटपाट करने लगे। आदित्य ने बताया कि घर में घुसे बदमाश खुद को STF का बता रहे थे। घर में दूसरे कमरे में शो रहे दोस्तों को पिस्टल दिखाकर धमकाया। मेरी सोने की अंगूठी, चेन और जेब में पड़ा कैश ले लिया। अलमारी में रखा कैश भी उठा लिया।

घर से बाहर खींच कर ले गए
उन्होंने बताया कि विरोध करने पर बदमाश मुझे खींचते हुए मकान से बाहर लाए। इस पर चिल्लाकर आस-पास के लोगों को पुलिस को फोन करने को कहा। मुझे कार में डालकर किसान पथ की ओर सुनसान जगह ले गए। खुद को STF का अधिकारी बता रहे एक बदमाश ने मेरा एटीएम और मोबाइल ले लिया। रुपए नहीं होने पर काफी देर बाद छोड़ दिया।
धमकी दी- पुलिस से शिकायत करोगे तो निपटा देंगे
आदित्य ने बताया कि बदमाशों ने छोड़ते वक्त धमकी दी कि अगर पुलिस को बताया तो तुमको जान से मार देंगे। इसके बाद मुझे किसान पथ पर ही छोड़कर भाग गए। इसके बाद बाइक टैक्सी बुक कराने का प्रयास किया, लेकिन बुक नहीं हुई। फोन कर दोस्त को बुलाकर घर पहुंचा। उसके बाद पुलिस को सूचना दी।
हत्या और अपहरण का मुकदमा दर्ज
पुलिस के मुताबिक, आदित्य 2020 में हत्या के आरोप में बाल सुधार गृह गया था। इसके बाद साल 2022 में वह अपहरण और मारपीट के आरोप में जेल जा चुका है। हत्या के एक मामले में बरी हो चुका है।
अंकित यादव, दिव्यांशु सिंह पुत्र दयाशंकर सिंह, रूद्र यादव पुत्र शिवबरन यादव और लकी पुत्र कमलेश की पुलिस तलाश कर रही है।