
लखनऊ में एक बेकाबू कंटेनर मकान में जा घुसा। इससे तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई। पुलिस ने जेसीबी की मदद से मलबा हटाकर मकान में फंसे लोगों को बाहर निकाला। हादसे में धनेश (22), संजीव (18 वर्ष) और शिवा (18) की मौत हुई है। घायलों को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
कंटेनर इटौंजा से महोना की तरफ जा रहा था। इस दौरान चालक ने नियंत्रण खो दिया और कंटेनर सड़क किनारे दुकानों में घुस गया। घटना के समय दुकानदार अपने काम में व्यस्त थे, जबकि कुछ ग्राहक सामान खरीद रहे थे। हादसे ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी।


घायलों को ट्रॉमा सेंटर भेजा
घायलों को तुरंत इटौंजा के सीएचसी अस्पताल पहुंचाया गया। घायलों में नीरज चौरसिया और मुन्ना चौरसिया नामक दुकानदार भी शामिल हैं। हालत ज्यादा गंभीर होने पर दोनों को ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। अब तक पांच घायलों को अस्पताल लाया गया है, जिनका इलाज जारी है।

रेस्क्यू ऑपरेशन तेज, पुलिस और दमकल टीम तैनात
घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड और कई थानों की पुलिस पहुंची। ट्रक को घटनास्थल से हटाने के लिए जेसीबी का इस्तेमाल किया गया। एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद रही। पुलिस ने इलाके को सुरक्षित कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

मृतकों के परिजनों को मदद का आश्वासन
प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। पुलिस ने ट्रक चालक की तलाश शुरू कर दी है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। यह हादसा एक बार फिर यातायात नियमों के पालन और सड़क सुरक्षा उपायों की गंभीरता को उजागर करता है।

आक्रोशित भीड़ ने प्रदर्शन किया
घटना से नाराज स्थानीय लोगों ने कुर्सी मार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। लोगों ने प्रशासन और ट्रक चालक की लापरवाही के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस रोड से निकलते हैं बड़े बड़े कंटेनर
महोना नगर पंचायत क्षेत्र में पहले भी कई एक्सीडेंट हो चुके हैं। पिछले 26 नवंबर 2024 को साइकिल से जा रहे छात्र की मौत हो गई थी। जिसको लेकर महोना में लोगों ने हंगामा किया था। पुलिस ने भारी वाहनों पर रोक लगा दी थी और स्पीड ब्रेकर बनाए गए थे। लेकिन बड़े बड़े कंटेनर इस मार्ग से निकलते रहते हैं।
15 किलोमीटर के बीच अक्सर होते हैं एक्सीडेंट
सबसे अहम बात यह है कि इटौंजा से कुर्सी मार्ग महोना नगर पंचायत कस्बे और कुम्हरावां चौराहा जैसे व्यस्ततम इलाके से गुजरता है। यह मार्ग कम चौड़ा और कहीं कहीं खराब है। इससे लगभग 15 किलोमीटर में अक्सर दुर्घटना होती है। असमय लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं। लेकिन इस मार्ग के चौड़ीकरण और रखरखाव नहीं किया जाता।