लखनऊ के दुबग्गा इलाके में 28 साल की पूनम की मौत के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। शीतलखेड़ा गांव के रहने वाले सतीश राजपूत पुत्र गुड्डू उर्फ रामस्वरूप ने की थी। सतीश बातचीत बंद न करने की वजह से पूनम से नाराज था।
डीसीपी पश्चिम दुर्गेश कुमार ने बताया 11 जून को राजेश रावत ने पुलिस में शिकायत कि उनकी पुत्री पूनम की हत्या कर दी गई है। शव घर से 200 मीटर की दूरी पर मिला है। जिसका शक पड़ोसियों पर जताया। इस सूचना पर पुलिस तीन टीम में तैयार की गई। सर्विलांस, सीसीटीवी और मुखबिरों की मदद से जब सबूत इकट्ठा किया गया। तो जांच में पता चला पड़ोसियों का इस घटना में कोई भी संलिप्ता नहीं है, बल्कि बगल के गांव शीतल खेड़ा के रहने वाला सतीश राजपूत की घटना के बाद उपस्थिति पाई गई। उसको हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया।
आरोपी ने बताया उसका और मृतका का प्रेम प्रसंग था। वह उससे शादी करना चाहता था। कुछ सालों से पूनम बात कम कर रही थी। इस वजह से छुपाकर अक्सर उसको रात को देखा करता था। उसे रात को पूनम अपने घर से निकली तो रास्ते में सतीश ने उसे रोक लिया। खुद से बात न करने की वजह पूछने लगा जब पूनम ने कोई जवाब नहीं दिया तो गुस्से में आकर उसका गला दबा दिया।
इसके बाद शव अपने कंधे पर उठाकर पूनम के रिश्तेदार के घर के बगल में सड़क पर फेंक दिया। शनिवार सुबह आरोपी की गिरफ्तारी की गई है। आरोपी की निशानदेही पर चप्पल और मोबाइल बरामद किया गया है। मोबाइल आरोपी ने ही पूनम को दिया था।
क्या था मामला
जेहटा की रहने वाली पूनम रावत (28) पुत्री राजेंद्र प्रसाद रावत की मौत हुई है। घर के पास ही लाश मिली थी और पूनम के गले पर चोट के निशान थे। पोस्टमार्टम में गला दबाकर मारने की पुष्टि हुई थी।
मृतका की छोटी बहन नमिता ने बताया कि पिताजी जेहटा चौराहे पर ठेला लगाते हैं। हम कुल तीन बहनें हैं। मैं अस्पताल में काम करती हूं और रात करीब 9 बजे हॉस्पिटल चली गई थी। घर वाले भी रात 11 बजे तक भोजन करके सोने चले गए।
मंगलवार सुबह करीब 5 बजे एक व्यक्ति ने हमारे जीजा (बुआ के दामाद) को बताया कि पूनम सड़क पर लेटी है। जीजा जब देखने पहुंचे तो उसकी सांस नहीं चल रही थी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। परिवार ने हत्या की आशंका जाहिर की। बताया कि जमीन को लेकर हमारा अपने पड़ोसियों से विवाद चल रहा है। पड़ोसी अक्सर जान से मारने की धमकी देते थे।