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लखनऊ में बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के इटौंजा इलाके में गोमती नदी के बढ़ते जलस्तर से आधा दर्जन से अधिक गांवों में जलभराव हो गया है।

लखनऊ में बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के इटौंजा इलाके में गोमती नदी के बढ़ते जलस्तर से आधा दर्जन से अधिक गांवों में जलभराव हो गया है। वहीं, क्षेत्र के कठवारा गांव में स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर के मुख्य मार्ग पर भी आदि गंगा गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने से जगह-जगह जलभराव हो गया है।

बीकेटी क्षेत्र के इटौंजा इलाके में स्थित गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के अकडरिया कला, सुल्तानपुर गांव, लासा, बहादुरपुर तथा बगहा गांव सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। वहीं, बीकेटी क्षेत्र के कठवारा गांव में स्थित आदि शक्ति स्वरूपा मां चंद्रिका देवी मंदिर के मुख्य मार्ग पर आदि गंगा गोमती नदी का पानी भर गया है।

पहले देखते हैं जलभराव के बाद मां चंद्रिका देवी मंदिर के पास के हालात

जलभराव की वजह से वाहनों की आवाजाही में दिक्कत हो रही है।
जलभराव की वजह से वाहनों की आवाजाही में दिक्कत हो रही है।
पानी ज्यादा भर जाने के कारण दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ी हैं।
पानी ज्यादा भर जाने के कारण दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ी हैं।
मंदिर के पास लगी सोलर लाइटें भी नहीं जल रही हैं।
मंदिर के पास लगी सोलर लाइटें भी नहीं जल रही हैं।
स्थानीय लोग और मेला प्रशासन भक्तों की मदद कर रहा है।
स्थानीय लोग और मेला प्रशासन भक्तों की मदद कर रहा है।

वहीं, दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर दी हैं। जलभराव से दूर-दराज से आने वाले भक्तों को परेशान होना पड़ रहा है। हालांकि मां चंद्रिका देवी मंदिर मेला समिति द्वारा सेवादार वहां तैनात कर दिए गए हैं ताकि भक्तों को असुविधा न हो।

कठवारा गांव निवासी दलगंजन व मंझी गांव निवासी दुकानदार ने बताया कि जिस जगह पानी भर गया है, वहां पर लगी लाइट खराब होने से अंधेरे में भक्तों के वाहन अचानक पानी में जाकर खराब हो रहे हैं। मंदिर परिसर में स्थित प्रसाद विक्रेता अंशुमान वाजपेयी ने बताया कि मुख्य मार्ग पर जलभराव हो गया है। क्षेत्रीय दुकानदार और मेला समिति के सदस्य भक्तों की मदद कर रहे हैं।

उत्तर दिशा से प्रवाहित होता है पानी

ज्यादातर नदियों का पानी पूरब दिशा की तरफ प्रवाहित होता है। वहीं, मां चंद्रिका देवी के चरणों में पानी नदी की उत्तर दिशा से प्रवाहित होते हुए फिर से पूर्व दिशा में चला जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह कल्याणकारी माना जाता है।

वहीं यह भी कहा जाता है कि आदि गंगा गोमती नदी नैमिषारण्य में स्थित मां ललिते मैय्या के चरणों को स्पर्श कर पुनः मां चंद्रिका देवी के चरणों को स्पर्श करने के बाद ही अपनी दिशा में प्रवाहित होता चला जाता है।

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