रुपईडीहा। नेपाल का सबसे बड़ा राष्ट्रीय, सामाजिक व धार्मिक पर्व दशहरा है। नेपाल में इसको बड़ा दसईं कहते हैं। विदेशों में काम करने वाले अधिकतर कामगार दीपावली तक घरों पर रुक कर भाई टिका उत्सव के बाद अपने काम पर वापस लौटते हैं।
वर्तमान समय में रोडवेज व प्राइवेट बसों द्वारा रुपईडीहा में उतर कर ई रिक्शा व पैंडल रिक्शा वालो से डर कर पैदल ही नेपाली थाना जमुनहा होते हुए नेपाल में प्रवेश करते हैं। ई रिक्शा वाले डरा धमका कर मनमानी किराया वसूलते हैं।
सामान झपटते रहते हैं। इसीलिए पैदल ही लगभग 1 किलोमीटर का रास्ता पैदल ही पार करते हैं। डिपो मे हो रही नेपाली होटलों के दलालों से डरे सहमे नेपाली कामगार पैदल ही अपना सामान लादकर पैदल ही सैकडों की संख्या में नेपाल जा रहे हैं। इस संबंध में कई बार रुपईडीहा डिपो एआरएम ने लिखित व मौखिक शिकायतें की है। विगत दिनों एसडीएम नानपारा की उपस्थिति में एआरएम ने इस समस्या को उठाया है।
परंतु सुबह रुपईडीहा आने वाली आधा दर्जन बसों में उतरने वाले नेपाली नागरिकों के साथ हो दुर्व्यवहार का संज्ञान नही लिया जा रहा है। सुबह के समय न कोई होमगार्ड न ही कोई सिपाही दिखाई देता है। थाने में लगभग आधा दर्जन एसआई व लगभग 1 सौ सिपाही हैं। बावजूद इसके डिपो पर न तो होमगार्ड न ही सिपाही दिखाई देते हैं।
नीरज कुमार बरनवाल रुपईडीहा
8/10/2024