उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के खिलाफ बृहस्पतिवार को कार्रवाई हुई। स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को निलंबित कर दिया। फतेहपुर में तैनात डॉक्टर को भी निलंबित कर किया गया।
सुल्तानपुर के CMO आरोपों की जांच कर रहे है। इसके अलावा पीलीभीत और अमेठी के दो चिकित्साधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
अवैध निजी अस्पतालों पर नहीं की कार्रवाई
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह अवैध निजी अस्पतालों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे थे। टेंडरों में अनियमितता किए जाने, बायो मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण नहीं करने और उच्च आदेशों की अवहेलना किए जाने के आरोपों के चलते उन्हें सस्पेंड किया गया।
वहीं चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबद्ध किया गया। डीएम और सीडीओ श्रावस्ती ने पूरे प्रकरण की जांच की। दोनों अधिकारियों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई।
इनके खिलाफ भी हुआ एक्शन
फतेहपुर के जिला महिला चिकित्सालय में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पुंडरीक कुमार गुप्ता को निलंबित किया गया। उन्हें सिद्धार्थ नगर के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से संबद्ध किया गया।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि चिकित्सक का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें आला अफसरों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी और अमर्यादित भाषा का प्रयाग कर रहे थे।
ड्यूटी से गायब रहने पर भी एक्शन
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि सुल्तानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ओपी चौधरी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लम्भुआ (सुल्तानपुर) के पूर्व अधीक्षक के विरुद्ध जांच के आदेश दिए गए है।
वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जमानाबाद (पीलीभीत) में तैनात दन्त शल्यक डॉ. प्रतिष्ठा सिंह एवं गौरीगंज (अमेठी) के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात रेडियोलॉजिस्ट डॉ. संदीप कुमार के खिलाफ ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
30 नियमित, 12 आउटसोर्स पद सृजित
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भंगेल में निर्मित 50 शैय्या मैटरनिटी विंग की स्थापना की अनुमति दी गई है। 21 पदों सहित 30 नियमित पदों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवा आउटसोर्स के आधार पर 12 पद सृजित किए जाने पर भी काम चल रहा है।