लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में राइफल से गोली चलने से 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। उसके मामा ने लोडेड राइफल घर में रखी थी। दो बच्चे खेल-खेल में छीना-झपटी करने लगे। तभी फायरिंग हुई और एक बच्चे के पेट में गोली लग गई।
घर वाले आनन-फानन में उसे लोकबंधु अस्पताल ले गए, जहां से डॉक्टरों ने KGMU रेफर कर दिया। वहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
बीएसएफ में हवलदार के पद पर तैनात बलबीर सिंह कृष्णानगर के प्रेमनगर में किराए के मकान में रहते हैं। उनकी तैनाती पंजाब में हैं। उनकी पत्नी, दो बेटी नीतू, रेनू और एक बेटा शिवा यहां रहता है। शिवा के मामा संजय अपने बेटे दिव्य को लेकर 4 जुलाई को प्रेमनगर आए थे। गार्ड की नौकरी करने के लिए वो लाइसेंसी राइफल भी अपने साथ लाए थे।
घर में राइफल रखी थी, वो लोडेड थी। रविवार शाम करीब 6 बजे संजय सब्जी लेने मार्केट चले गए। घर में शिवा और दिव्य खेल रहे थे। तभी शिवा ने राइफल उठा लिया। दिव्य ने उससे राइफल वापस रखने को कहा। इस बात को लेकर दोनों में छीना-झपटी शुरू हो गई।
इसी दौरान ट्रिगर दबा और गोली चल गई। गोली सीधे शिवा के पेट में लगी। वह जमीन पर गिरकर तड़पने लगा। गोली की आवाज सुनकर शिवा की बहनें नीतू और रेनू कमरे में पहुंचीं। दोनों भाई की हालत देखकर घबरा गईं। आसपास के लोगों की मदद से बच्चे को लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया। बाद में KGMU के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
फोरेंसिक टीम ने जांच की
फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। मौके से ब्लड के सैंपल लिए और राइफल के ट्रिगर से उंगलियों के निशान भी लिए। पुलिस टीम ने राइफल को जब्त कर लिया है। परिजनों से भी पूछताछ की गई।
पड़ोसी बोले होनहार था शिवा
बच्चे के पड़ोस में रहने वाले एसडीपी मिश्रा ने बताया कि बच्चा बहुत होनहार था। पास के ही विद्यालय में कक्षा 7वीं का छात्र था। वो स्कूल जाता और घर पर मन से पढ़ाई करता था। मिश्रा ने बताया कि उसके पिता यहां नहीं रहते थे। कई बार पढ़ाई को लेकर मेरी बात होती थी। वो ब्रिलिएंट माइंड था।