सीतापुर में शुक्रवार को थाने के अंदर एक दरोगा ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। दरोगा ने अपने थानाध्यक्ष (SHO) पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। वारदात शुक्रवार सुबह 10.30 बजे मछरेहटा थाने की है। दरोगा का नाम मनोज कुमार (54) है।
वह कुछ देर पहले ही घर से थाने पहुंचे थे। उसी दौरान किसी का फोन आ गया। बातचीत के दौरान उनकी फोन पर ही बहस हुई। इसके बाद उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकाली। फिर कनपटी पर रखकर गोली मार ली। फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के पुलिसकर्मी दौड़कर पहुंचे। उनको तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
वहीं, दरोगा का एक सुसाइड नोट भी मिला है। सीओ मिश्रिख राजेश यादव ने बताया कि दरोगा का जो सुसाइड नोट मिला है, उसकी जांच कराई जा रही है। सुसाइड नोट में वर्कलोड का जिक्र किया गया है। SHO पर लगाए गए आरोपों की भी जांच कराई जा रही है।
उधर, दरोगा के सुसाइड की खबर मिलते ही एसपी चक्रेश मिश्रा भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि मनोज फतेहपुर जिले के रहने वाले थे। 5 महीने पहले ही उनकी मछरेहटा थाने में पोस्टिंग हुई थी। पुलिस हर एंगल पर जांच कर रही है।
थाने आए, फोन पर बात की और गोली मार ली
थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि दरोगा मनोज कुमार शुक्रवार सुबह थाने पर पहुंचे। वह फोन पर किसी से बात कर रहे थे। अचानक उनकी बहस होने लगी। इसके बाद उन्होंने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। आशंका है कि वह परिवार से बात कर रहे थे। लेकिन, यह अभी साफ नहीं है। घरवालों के पहुंचने के बाद ही इसका पता चल पाएगा।
सोशल मीडिया से मिला दरोगा का सुसाइड लेटर
सोशल मीडिया से दरोगा मनोज कुमार का एक लेटर बरामद हुआ है। इसमें उन्होंने मछरेहटा थाने के SHO राज बहादुर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेटर में लिखा- सत्यता/ कार्रवाई हेतु, श्रीमान जी आप सभी जनमानस को हम जानकारी देते हैं कि जो भी कर्मी निष्ठावान तरीके से जितना भी काम कर्म और ड्यूटी करे, अगर वह अपने अधिकारियों को हर महीने चढ़ावा न चढ़ाए तो सब बेकार है। कार्यालय के लोगों को समझना पड़ता है।
SHO पर लगाए आरोप
थाना मछरेहटा में जब से SHO राजबहादुर सिंह आए हैं, सभी कर्मचारी परेशान हैं। वह सभी विवेचनाओं में रुपए की मांग करते हैं। मांग पूरी नहीं होने पर अभद्र टिप्पणी और अपमानित करते हैं। आगे भी उन्होंने कुछ अन्य लोगों के नाम लिखे हैं। उन्होंने लेटर में एक लापता किशोरी के बरामद नहीं होने का भी जिक्र किया है। लिखा है कि इस केस में हमारी अकेले ड्यूटी लगाई गई। मैं अकेले ही काम करता रहा। किसी ने मेरा सहयोग नहीं किया।
दीवान से दरोगा बने थे मनोज कुमार
मनोज कुमार फतेहपुर के कल्याणपुर क्षेत्र के जलाला गांव के रहने वाले थे। वह 1990 में पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। 2023 में प्रमोशन पाकर वह दरोगा बन गए थे। सीतापुर कोतवाली देहात से 31 अक्टूबर 2023 को थाना मछरेहटा में तैनात किए गए थे। 5 महीने से वह हलका नंबर-4 में तैनात थे। साथी पुलिसकर्मियों ने बताया कि उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। सरल स्वभाव के थे। ऐसे में उनके आत्महत्या करने से हर कोई शॉक्ड है।
10 भाई-बहनों में मृतक दरोगा सबसे बड़े थे
दरोगा मनोज कुमार गरीब परिवार में जन्मे थे। पिता रामऔतार गौड़ ने मेहनत-मजदूरी कर 10 बच्चों का पालन पोषण किया। 8 बहनों और दो भाइयों में मनोज सबसे बड़े थे। लखनऊ के बिजनौर इलाके में उनका घर था। जहां पत्नी गीता देवी और तीन बच्चे ऋतिक उर्फ आकाश, आंचल और शिवेंद्र उर्फ सिब्बू के साथ रहते थे। मार्च में वह 5 दिनों की छुट्टी में अपने घर भी आए थे। पिता रामऔतार के अनुसार, वह खुद गोली नहीं मार सकते। वहीं, घटना की सूचना मिलते ही घरवाले सीतापुर के लिए रवाना हो गए हैं।
एसपी ने बताया कि दरोगा की मौत की खबर परिवार को दी गई है। परिवार पहुंच रहा है। उनके आने के बाद ही आत्महत्या की वजह पता चल पाएगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दरोगा का मोबाइल सीज कर दिया है। उसे जांच के लिए भेजा जाएगा।
इटावा में दरोगा ने खुद की कनपटी पर मारी गोली:साथी दरोगा की सर्विस रिवॉल्वर से किया सुसाइड
इटावा में रविवार शाम एक दरोगा ने खुदकुशी कर ली। उसने साथी दरोगा की सर्विस रिवॉल्वर से अपनी कनपटी में गोली मारी। इसके बाद साथी दरोगा उसे लेकर अस्पताल पहुंचा। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।