यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के चिनहट इलाके से दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। वे VOIP कॉल के माध्यम से कॉल स्पूफिंग करके अलग -अलग विभाग के अधिकारियों को फोन करते थे। खुद को मुख्यमंत्री, लोक निर्माण मंत्री और ऊर्जा मंत्री का निजी सचिव बताकर ठेका पट्टों से लेकर थाना चौकी में पोस्टिंग का दबाव बनाते थे। कॉल स्पूफिंग के चलते अधिकारी मंत्री के सचिव के सीयूजी नंबर से फोन आने के कारण शक भी नहीं कर पाते और इनके आदेशों को शासन का आदेश मानकर कर देते थे। एसटीएफ के अधिकारी अब उनसे पूछताछ कर मामले की छानबीन में जुटे हैं।
एसटीएफ को पहले से ही मिली थी शिकायतें
यूपी एसटीएफ के मुताबिक उनके पास बीते कुछ समय से लगातार उनके बारे में इनपुट मिल रहे थे। पता चला कि अलग-अलग विभाग में कुछ लोग फोन करते हैं। खुद को मुख्यमंत्री, लोक निर्माण मंत्री और ऊर्जा मंत्री का निजी सचिव बताकर गलत काम करने के लिए दबाव बनाते हैं। कॉल स्पूफिंग के चलने उनके नंबरों पर अधिकारी शक नहीं कर पाते हैं। उनके आदेश को शासन का आदेश मानकर उसे कर देते हैं।
इसकी पड़ताल करने पर अयोध्या के पिरखौली के रहने वाले दो युवकों अंवेश तिवारी और कप्तान तिवारी का पता चला। जिसके बाद उन्हें लखनऊ के चिनहट इलाके से शनिवार को पूछताछ के लिए उठाया गया। उनसे जब सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से चार मोबाइल फोन, छह एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, एक आधार, पैन के साथ एनी कॉल एप व वाट्सएप का डेटा मिला है।
मास्टरमाइंड कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने के बाद सॉफ्टवेयर कंपनी चला रहा था
गिरोह के मास्टरमाइंड अंवेश तिवारी है। उसने पूछताछ में बताया, 2018 में डॉ राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी अयोध्या से एमसीए की पढ़ाई की थी। उसके बाद साफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहा था। इसके लिए 2023 में खुद की लारावेयर नाम से अपनी कंपनी भी बना ली। इस दौरान अब तक स्कूल और फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी में तीन हजार से ज्यादा साफ्टवेयर तैयार किए हैं। 2022 में इंटरनेट के माध्यम से मुझे Indycall App की जानकारी मिली। जिसके माध्यम से किसी भी नम्बर को प्रदर्शित (Call Spoofing) कर काल किया जा सकता था। जिसकी जानकारी अपने चाचा कप्तान तिवारी को दी। जो गांव के पूर्व प्रधान रह चुके हैं।
एसडीएम से लेकर कई अधिकारियों को किया फोन
अंवेश तिवारी के अनुसार, “2023 में उसके चाचा कप्तान तिवारी ने एसडीएम सोहावल को नाली का काम रुकवाने के लिए फोन करने को कहा था। उसने सीएम के निजी सचिव बनकर एसडीएम सोहावल को किया। इसके बाद चाचा कहने पर ही 14 जून 2023 को डीसी मनरेगा अयोध्या को फोन किया। उनसे पिरखौली ग्राम सभा द्वारा संचालित गोशाला में जांच के दौरान मिली गडबडियों के मामले में कार्रवाई न करने को कहा था।
इसी तरह उसने 2022 में बरेली की फिनटेंक कम्पनी में फोन किया था। जिसके बाद कंपनी ने साफ्टवेयर बनाने पूरा काम उनको सौंप दिया। काम होने के बाद कम्पनी ने उसके खाते में 8 लाख रूपए भी जमा किया गया। लेकिन हिसाब करने पर उसका 6.50 लाख ही बिल बना था, जिसके बाद उसने एक लाख पचास हजार वापस कर दिया।
कम्पनी से विवाद हो जाने के कारण उनके द्वारा पूरा पैसा वापस करने का दबाव होने पर मुकदमा दर्ज हो गया। इसके चलते थाना इज्जतनगर जनपद बरेली में दर्ज इस मुकदमें की पैरवी के लिए 22 फरवरी 2024 को प्रभारी निरीक्षक इज्जत नगर को फोन किया। इसके साथ ही डीसी मनरेगा अयोध्या, एसडीएम सोहावल, वीडियो सोहावल, इंस्पेक्टर इज्जतनगर बरेली, सीएमएस अयोध्या सहित दर्जनों अधिकारियों को सीएम, लोक निर्माण मंत्री, ऊर्जा एवं अतिरिक्त उर्जा श्रोत मंत्री के निजी सचिव बनकर कॉल किए।