हाई कोर्ट लखनऊ की डबल बेंच ने राज्य सरकार को अस्पतालों में वेंटिलेटर्स की संख्या बताते हुए विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने ये भी बताने को कहा है कि प्रदेश के सभी सरकारी जिला अस्पतालों व सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कितने वेंटिलेटर्स है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद पारित अपने आदेश में दिया है। न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने वी द पीपल संस्था की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है। कोर्ट ने उनकी जानकारी मांगा है तथा यह भी बताने को कहा है उनमें से कितने वेंटिलेटर्स सही तरीके से काम कर रहे है। मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
इससे पहले एसजीपीजीआई की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि उनके पास 386 वेंटिलेटर्स हैं जिनमें से 365 काम कर रहे हैं और बाकी के 21 वेंटिलेटर्स बैक अप के तौर पर रखे हुए हैं। वहीं केजीएमयू की ओर से जानकारी दी गई कि उनके पास 394 वेंटिलेटर्स हैं जिनमें से 393 काम कर रहे हैं जबकि एक का रिपेयर वर्क चल रहा है।
हाईकोर्ट ने नगर निगम क्षेत्र में चल रहे भट्टों का मांगा ब्योरा
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने एक जनहित याचिका में सुनवाई के बाद यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नगर निगम, लखनऊ से राजधानी के म्युनिसिपल क्षेत्र में चल रहे ईंट भट्टों का ब्योरा तलब किया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने दुर्गेश कुमार सिंह की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया है। मामले की अगली सुनवाई के लिये न्यायालय ने मई माह के तीसरे सप्ताह की तारीख नियत की है।