रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल मैत्री सेवा के नाम पर बसों के संचालन से नेपाली बसों की ही आय बढ़ी है। जबकि रोडवेज बसों की आय इन बसों के अपेक्षा घट गई है। ये बसें उत्तर प्रदेश रोडवेज की आय में पलीता लगा रही हैं।
मिली जानकारी के अनुसार नेपाल की लगभग 10 बसें लखनऊ, दिल्ली व हरिद्वार के लिए सवारियां ढो रही हैं। जबकि उत्तर प्रदेश परिवहन की 5 बसें ही नेपालगंज तक जा पा रही हैं। नेपाल में सरकारी बस कोई नही है। प्राइवेट नेपाली बसों की समितियां बनी हुई हैं। नेपाल भारत मैत्री सेवा का बैनर लगाकर ये बसें चलाई जा रही हैं। टू बाई टू की ये बसें वातानुकूलित व आरामदेह हैं।
इसलिए नेपाली सवारियां इन्ही बसों में यात्रा करती हैं। इसके पूर्व जब यूपी परिवहन विभाग के अधिकारियों व प्राइवेट नेपाली बस संचालकों के बीच समझौता नही हुआ था। तब ये सारी सवारियां यूपी परिवहन की बसों द्वारा रुपईडीहा से हरिद्वार, दिल्ली व लखनऊ के लिए यात्रा करते थे। अब रुपईडीहा डिपो पर सन्नाटा छाया रहता है। यूपी परिवहन के उच्चधिकारियों व नेपाली प्राइवेट बस मालिको द्वारा किया गया समझौता यूपी परिवहन के लिए घाटे का सौदा सिद्ध हो रहा है।
नेपाली बसों का संचालन रुपईडीहा से 2 से 2 सौ 50 किलोमीटर दूर नेपाली जिला दांग व बुटवल आदि क्षेत्रों से हो रहा है। ये बसें भारतीय क्षेत्र में रुपईडीहा से लगभग 6 सौ किलोमीटर हरिद्वार व दिल्ली तक जा रही हैं। रोडवेज की बसों को सिर्फ रुपईडीहा से नेपालगंज तक मात्र 6 किलोमीटर नेपाली क्षेत्र में जाने की अनुमति है।
जबकि नेपाली बसें भारतीय क्षेत्र में दिल्ली व हरिद्वार तक के लिए सवारियां ढोती हैं तो हमारी बसें नेपाली क्षेत्र में 2 से 2 सौ 50 किलोमीटर तक यात्रा क्यों नही कर सकती हैं। यूपी परिवहन को इस समझौते को पुनर्विचार करना आवश्यक है।
क्या कहते हैं एआरएम रुपईडीहा।
इस संबंध में जब रुपईडीहा डिपो के एआरएम राम प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमें ऊपरी आदेश के अनुसार नेपालगंज तक ही बस भेजनी पड़ रही हैं। नेपालगंज के आगे हम बस नही भेज सकते। इसी लिए नेपाली क्षेत्र के यात्री रुपईडीहा डिपो पर पहुंच कम आ रहे हैं।
नीरज कुमार बरनवाल रुपईडीहा
2/6/2024