लखनऊ नगर निगम के सहायक लेखाकार जलकल राजकुमार के साथ उच्चाधिकिरयों व कर्मचारियों पर जालसाजी का केस दर्ज किया गया है। हजरतगंज पुलिस ने सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की है। जांच में पाया गया कि राजकुमार ने नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक आशियाना रजनीखंड के रहने वाले प्रमोद कुमार सिंह चौहान ने सीजेएम कोर्ट में याचिका डाली थी। जिसमें आरोप था कि जलकल में राजकुमार ने नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए हैं। फर्जी दस्तावेज से 1988 से नौकरी कर रहा है। राजकुमार ने मृतक आश्रित पर नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया है। राजकुमार ने हाईस्कूल की फर्जी मार्कशीट व दस्तावेजों को लगाया।
इस संबंध में कई वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद शिकायतकर्ता प्रमोद सिंह चौहान ने आईटीआई के जरिए जानकारी करने की कोशिश की। तब खुलासा हुआ कि राजकुमार को बराबर सैलरी मिलती रही।
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मामला
इसके बाद शिकायतों की जांच कराने के बजाए अधिकारी उसे बचाने में लग गए। मामले में प्रमोद ने कोर्ट में याचिका डाली थी। उसमें मुख्य आरोपी सहायक लेखाकार राजकुमार, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, महाप्रबंधक जलकल राम कैलाश गुप्ता, जलकल महाप्रबंधक राघवेंद्र (वर्तमान में वाराणसी), पूर्व महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार वर्मा, जलकल विभाग के सचिव रमेश चंद्र, पूर्व वित्त अधिकारी अजय गुप्ता को आरोपी बनाया है।
एसएचओ हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच में पाए गए तथ्य आधार पर जो भी अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाया जाएगा। उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।