समाज में किन्नर समुदाय को हमेशा से अलग माना जाता रहा है। लेकिन समय के साथ लोगों की सोच इनको लेकर कुछ बदलाव आया है। फिर भी कई मौके पर किन्नर समुदाय को अपमान झेलना पड़ता है। इसको लेकर लखनऊ के किन्नर समुदाय से प्रियंका रघुवंशी ने UPLIVENEWS के साथ एक खास बातचीत की। उन्होंने ने किन्नरों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर अपने दुख और सोच को बयां किया।
प्रियंका ने बताया की नालसा के बावजूद उनके समुदाय को सर्टिफिकेट मिलना बेहद मुश्किल है। इस सर्टिफिकेट को पाने में खुद उन्हें डेढ़ साल की कड़ी मेहनत लगी। प्रियंका सोशल जस्टिस के लिए अपनी आवाज़ हर मंच से उठा रही हैं।
प्रियंका ने अपनी सोच को व्यक्त करते हुए कहा, हम 2024 में जी रहे हैं, जहां महिलाओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए समाज में एनजीओ से लेकर पुलिस सेल तक 24 घंटे सक्रिय है। यहाँ तक कि जानवरों के लिए भी एनजीओ हैं। लोग उन्हें भी प्यार देते है लेकिन हम किन्नर समुदाय जो की इंसान होते हैं, हमारे ही समाज में नरक की जिंदगी बिता रहे हैं।
वह आगे कहती हैं, हमें ना ही शिक्षा मिलती है, और ना ही रोजगार। हमें सिर्फ गालियां सुनने को मिलती हैं, हमें हर जगह चाहे बस हो या ट्रेन या पब्लिक प्लेस सिर्फ़ परेशान ही किया जाता है। हमें मजबूर किया जाता है कि हम भीख मांगें या फिर वेश्यावृत्ति में रहें।
प्रियंका ने समाज से सवाल किया, हम भी तो किसी माँ के पेट से ही जन्म लेते हैं। हम भी तो इस सृष्टि की ही रचना हैं। तो हमसे हमारे माता-पिता, समाज ऐसा व्यवहार क्यों करते हैं, कि हम उनके लिए अपमान हैं?”