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गैंग चार्ट तैयार करने में लापरवाही कर रही यूपी पुलिस’:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गृह सचिव और DGP को दिया निर्देश, गैंग चार्ट के कॉलम संख्या 5और 6भरें ?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एवं असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम का निर्धारित तरीके का पालन न किए जाने को गंभीरता से लिया है।

कोर्ट ने कहा कि गैंग चार्ट तैयार करते समय निर्धारित प्रारूप के कॉलम संख्या पांच व छह में उसका विवरण दिया जाए और इसके अलावा जिसे गैंगस्टर की सूची में डाला जा रहा है, उसके आपराधिक इतिहास का गैंगचार्ट से इतर एक अलग सूची प्रस्तुत की जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ एवं न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की खंडपीठ ने भदोही के जय प्रकाश बिंद उर्फ नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने याची की गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है और याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

खंडपीठ ने रजिस्ट्रार अनुपालन को निर्देश दिया कि आदेश की प्रति गृह सचिव और डीजीपी को मुहैया कराएं ताकि राज्य के सभी डीएम, पुलिस आयुक्तों, एसएसपी, एसपी और थानाध्यक्षों को निर्देश देकर इस आदेश का अनुपालन कराया जा सके।

याची के ​खिलाफ भदोही के ज्ञानपुर थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी। याची ने प्राथमिकी रद्द करने की मांग में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने पाया कि याची के गैंग चार्ट के कॉलम छह में केवल एक आपरा​धिक (आधार) मामला पंजीकृत है।

जबकि एजीए ने बताया कि गैंगचार्ट के कॉलम पांच में चार मामले पंजीकृत हैं लेकिन उनके विवरण उ​ल्लि​खित नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कॉलम पांच और छह में विवरण देने का स्पष्ट नियम है, जिसका अनुपालन इस याचिका में नहीं किया गया है।

कॉलम पांच का पूरा विवरण देना जरूरी है। आपरा​धिक इतिहास का विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया। खंडपीठ ने कहा कि इसके पहले भी दूसरी कोर्ट ने इस पर निर्देश दिए हैं । लेकिन उनका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए गृहसचिव और पुलिस महानिदेशक इसका अनुपालन कराएं।

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