लखनऊ के बड़े नामी स्कूल के शिक्षक ने स्कूल प्रशासन पर हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करने की वजह से नौकरी से निकालने का आरोप लगाया है। शिक्षक का आरोप है कि करीब 15 साल तक वो CMS की राजेंद्र नगर ब्रांच में गणित के टीचर के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। लेकिन माथे पर तिलक लगाने और चोटी रखने की वजह से उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया।
शिक्षक कुलदीप तिवारी का कहना है कि लंबे समय से वह स्कूल में 9वीं और 10वीं कक्षा के बच्चों को गणित पढ़ा रहे थे। शुरुआत में वे रोजाना तिलक नहीं लगाते थे और उनकी छोटी शिखा यानी चोटी भी बहुत बड़ी नहीं थी।
कोविड काल के दौरान जब वे घर में ज्यादा रुके तो बाल बढ़ गए और शिखा भी बढ़ गई। पूजा-पाठ के दौरान उन्होंने रोजाना तिलक लगाना भी शुरू कर दिया। इसके बाद स्कूल खुलने के बाद भी वो तिलक लगाकर ही स्कूल आते रहे। यही कारण रहा कि राजेंद्र ब्रांच के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ने मैनेजमेंट से कहकर नौकरी से निकाल दिया।
स्कूल प्रिंसिपल ने पहले त्यागपत्र देने का दबाव बनाया
टीचर कुलदीप तिवारी ने बताया कि भोजशाला मामले में सुनवाई के चलते मेरा अप्रैल 2024 के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश जाना हुआ। इसके बाद जब मैं लौटकर लखनऊ आया तो मैंने स्कूल जाना शुरू किया। इस बीच स्कूल की प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल लगातार मेरे ऊपर त्यागपत्र देने का दबाव बनाती रही।
जब मैं उनके दबाव में नहीं झुका तो जून महीने की 12 तारीख को पहले मुझे लीगल नोटिस भेजी गई। इसके बाद 30 जून को मुझे नौकरी से निकाले जाने का लेटर दे दिया गया।
शिक्षक का आरोप हैं कि स्कूल प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल मेरे तिलक लगाने और चोटी रखने पर आपत्ति करते थे। उनका कहना था कि स्कूल में मुस्लिम धर्म के कई स्टूडेंट्स हैं। ऐसे में आपकी ये वेशभूषा देखकर उनके पेरेंट्स नाराज होंगे। शिक्षक ने स्कूल प्रशासन पर हिंदू भावनाओं की अनदेखी करने के साथ ही स्कूल में धर्म विशेष के शिक्षकों को वरीयता से भर्ती करने की बात कही।
कई अहम मामलों के रहे याचिकाकर्ता
कुलदीप तिवारी ने बताया कि वो वाराणसी के ज्ञानवापी मामले और मथुरा मामले के याचिकाकर्ता रहे हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश के भोजशाला मामले के भी वो मुख्य वादी रहे हैं। हिंदू और सनातन धर्म से जुड़े मामलों को लेकर वो सजग रहते हैं। कई अवसरों पर उन्होंने आवाज भी बुलंद की है। इन्हीं सब कारणों से CMS स्कूल मैनेजमेंट ने उनको पद से हटा दिया।
CMS प्रवक्ता बोले: धर्म के आधार पर करते थे भेदभाव
CMS के प्रवक्ता ऋषि खन्ना ने बताया कि कुलदीप तिवारी पर कई स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स ने मारने के आरोप लगाए थे। उन पर धर्म के आधार पर बच्चों से भेदभाव करने के आरोप भी थे। इसके अलावा प्रिंसिपल और अन्य स्टॉफ से अभद्रता करने की शिकायत आ रही थी।
11 साल ही उन्होंने नौकरी की है और इनका अपॉइंटमेंट 30 जून को खत्म हो रहा था। इसके बाद फिर से इन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया।