डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती में आरक्षण की बात कही है। डिप्टी सीएम के बयान के बाद कर्मचारी नेताओं ने तीखे तेवर दिखाए हैं। नाराज कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी देते हुए उन्हें जाति से ऊपर उठकर राजनीति करने की सलाह दी है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा- संविदा एवं आउटसोर्सिंग भर्तियों में आरक्षण का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। ऐसे पदों पर नियुक्तियां महज कार्य संचालन के लिए की जाती हैं, जबकि आरक्षण स्थायी रूप से सृजित किए गए पदों के लिए होता है।
उन्होंने कार्मिक विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि संविदा कर्मचारियों की नियुक्तियों में आरक्षण पर विचार किया गया, तो संयुक्त परिषद विरोध में प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा।
समाज में खाई पैदा करने वाला दे रहे बयान
कर्मचारी नेता जेएन तिवारी ने कहा- केशव मौर्य इन दिनों समाज में खाई पैदा करने वाला बयान दे रहे हैं। चुनाव हारने के बावजूद जिस व्यक्ति को भाजपा ने सरकार में डिप्टी सीएम का पद दिया, वह हार की जिम्मेदारी दूसरों पर डाले, कितना हास्यास्पद है। केशव मौर्य संविदा की भर्तियों में आरक्षण की मांग करके सवर्णों का विरोध कर रहे हैं, जो स्वीकार नहीं है।
अब पढ़िए संगठन की मांग
विभिन्न विभागों में चयनित संविदा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से नियमित करते हुए संविदा की नियुक्तियों पर तत्काल रोक लगाया जाए।
वर्ष 2013 में सरकार ने नियमित करने का काम किया था जिसे दोहराने की जरूरत है।
आउटसोर्सिंग या ठेकेदारी प्रथा पर भर्ती बंद कर दी जाए तथा नीतिगत फैसले के तहत समायोजन पर विचार किया जाए।
आउटसोर्सिंग, संविदा में आरक्षण देना समस्या का विकल्प नहीं है। इससे समस्या और गंभीर हो जाएगी और प्रदेश में अस्थिरता का माहौल बन जाएगा।