धर्मांतरण मामले में बुधवार को लखनऊ की NIA कोर्ट ने बुधवार को 12 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 4 को 10-10 साल की सजा दी गई है। फैसला सुनाए जाने के दौरान सभी दोषी कोर्ट में मौजूद रहे। धर्म परिवर्तन मामले में सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है, जिसमें एक साथ 16 लोगों को दोषी करार दिया गया है।
मंगलवार को मामले में 16 लोगों को दोषी करार दिया गया था। नौकरी समेत कई तरह का प्रलोभन देकर दोषी धर्मांतरण कराते थे। फतेहपुर का मोहम्मद उमर गौतम गिरोह बनाकर धर्मांतरण करा रहा था।
मंगलवार को NIA-ATS कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सभी दोषियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
इन्हें मिली उम्रकैद
मोहम्मद उमर गौतम, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, भुप्रियबंदों मानकर उर्फ अरसलान मुस्तफा, प्रसाद रामेश्वर कांवरे, कौशर आलम, डॉक्टर फराज शाह, मौलाना कलीम सिद्दीकी, धीरज गोविंद, सरफराज अली जाफरी,अब्दुल्ला उमर को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
जबकि मन्नू यादव उर्फ अब्दुल, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मो. सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को 10-10 साल की सजा दी गई है।
मोहम्मद उमर गौतम की है। हिंदू से मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद 1000 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था।
विदेशी फंड से धर्मांतरण का कारोबार
धर्म परिवर्तन की रिपोर्ट ATS की नोएडा यूनिट के सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने 20 जून 2021 को लखनऊ के गोमती नगर थाने में FIR दर्ज कराई थी। बताया था, ATS को बीते कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ असामाजिक तत्व विदेशी संस्थाओं की मदद से लोगों का धर्म परिवर्तन कर देश की जनसंख्या संतुलन में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं।
धर्म परिवर्तन किए गए लोगों में उनके मूल धर्म के प्रति नफरत का भाव पैदा कर कट्टरपंथी बनाया जा रहा है। उन्हें मानसिक तौर पर देश के विभिन्न धार्मिक वर्गों में वैमनस्यता फैलाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके जरिए वे देश के सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश में शामिल हैं।
1000 लोगों का किया धर्म परिवर्तन
आरोपी उमर गौतम ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि वह लगभग एक हजार गैर मुस्लिमों का धर्म बदलवा चुका है। उनकी बड़ी संख्या में मुसलमानों से शादी कराई है। यह भी बताया है कि धर्म परिवर्तन के लिए ही जोगाबाई एक्सटेंशन जामिया नगर दिल्ली में इस्लामी दवाह सेंटर (आईडीसी) नामक संस्था संचालित की जा रही है।
विदेश से की गई फंडिंग
इसका मुख्य उद्देश्य गैर मुसलमानों का धर्म परिवर्तन कराना है। इसके लिए संस्था के बैंक खातों और अन्य माध्यमों से भारी मात्रा में रकम जमा कराई जाती है। धर्म परिवर्तन के लिए विदेश से फंडिंग भी होती है। इसमें उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के लोग शामिल हैं।
रिपोर्ट में एटीएस ने 5 आरोप पत्र दाखिल किए। एटीएस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए 17 आरोपियों के खिलाफ पांच आरोप पत्र विशेष अदालत में दाखिल किए हैं। एटीएस ने आरोप पत्र में एफआईआर के संबंधित साक्ष्य भी पेश किए। कोर्ट ने बयान और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर 16 को दोषी करार दिया गया।
मूक बधिर बच्चों का विद्यालय था निशाने पर
ATS ने दावा किया कि आरोपियों के निशाने पर नोएडा का मूक बधिर बच्चों का एक विद्यालय भी था। नोएडा स्थित डेफ सोसाइटी के मूक बधिर विद्यालय में पढ़ने वाले कानपुर निवासी मूक बधिर छात्र के परिजनों से भी मामले में पूछताछ की गई है।
गाजियाबाद में दर्ज एक मुकदमे की पूछताछ में पता चला कि मुख्य आरोपी बाटला हाउस जामिया नगर नई दिल्ली निवासी मोहम्मद उमर गौतम खुद हिंदू से मुसलमान बना है और अब विभिन्न राज्यों में धर्म परिवर्तन करा रहा है।