लखनऊ में 15 बड़े प्रतिष्ठानों और रेस्टोरेंट में मिलावटी सामान मिलने पर जुर्माना लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) और जिला प्रशासन ने मिलावटी खाद्य पदार्थों पर रोक लगाने के लिए चलाए गए अभियान के तहत सख्त एक्शन लिया है।
निरीक्षण और जांच के बाद दिसंबर 2024 में 76 मामलों पर निर्णय लिया गया, जिन पर 28 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। सबसे बड़ा जुर्माना नटकुर में FSC वेयरहाउस पर लगा है। यहां कुट्टू का आटा गलत लेबल के साथ बेचा जा रहा था, जिस पर 1,50,000 का जुर्माना लगाया गया। बंगला बाजार के राउंड ‘O’ क्लॉक रिटेल पर बेसन में गड़बड़ी मिलने पर 95,000 का जुर्माना लगा।
प्रमुख प्रतिष्ठानों पर जुर्माना
- हजरतगंज के कबीला रेस्टोरेंट पर खड़ा उड़द दाल में गड़बड़ी के लिए ₹85,000
- सीतापुर रोड के हैंड्स ऑन ट्रेंड्स पर अनारदाना में गड़बड़ी के लिए ₹85,000
- तेलीबाग के फैमिली बाजार पर बेसन की खराब गुणवत्ता के लिए ₹80,000
- चिनहट के Best 24 Family Mart पर कुकीज (मीरा ब्रांड) में गड़बड़ी के लिए ₹75,000
- गौतम बुद्ध मार्ग स्थित होटल मंगलम पर बिना लाइसेंस काम करने पर ₹70,000
- डालीगंज के सावरिया सेठ ट्रेडर्स पर पिस्ता में गड़बड़ी के लिए ₹70,000
- अलीगंज के अपर्णा गृह उद्योग पर खाद्य तेल में गड़बड़ी के लिए ₹65,000
- मलिहाबाद के सनी चौरसिया किराना स्टोर पर सोया सॉस में गड़बड़ी के लिए ₹60,000
- इंदिरा नगर की न्यू चौरसिया बेकरी पर फ्रोजन डेजर्ट की खराब गुणवत्ता के लिए ₹55,000
- गोमतीनगर के राय प्रोविजन स्टोर पर पतीसा रोल में गड़बड़ी के लिए ₹55,000
- इंदिरा नगर के शौर्य स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट पर पनीर की खराब गुणवत्ता के लिए ₹50,000
- लेखराज मार्केट स्थित ब्लू फॉक्स बार एंड रेस्टोरेंट पर खाद्य तेल की खराब गुणवत्ता के लिए ₹50,000
इसके अलावा कई अन्य प्रतिष्ठानों पर भी नमकीन, तेल, पनीर, फ्रोजन डेजर्ट और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट और गलत लेबलिंग के कारण जुर्माना लगाया गया।
30 दिन में जमा करना होगा जुर्माना
जुर्माना 30 दिनों के भीतर जमा नहीं करने पर संबंधित प्रतिष्ठानों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 96 के तहत कार्रवाई की जाएगी। जुर्माने की वसूली भू-राजस्व के रूप में होगी।
सहायक आयुक्त (खाद्य) विजय प्रताप सिंह ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि लोगों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री मिल सके।