सोमवार सुबह नगर निगम की तरफ से करीब 1100 मीटर लंबा नाली निर्माण का काम किया जा रहा था। ठेकेदार की तरफ से तीन फीट से ज्यादा खुदाई कर दी गई। इससे बाउंड्री की नींव कमजोर हो गई और भरभरा कर गिर गई। बाउंड्री के गिरने से सड़क 20 मीटर तक धंस गई।
बता दें, कठौता झील से पूरे गोमती नगर और इंदिरा नगर को पानी की सप्लाई होती है। करीब 10 लाख लोग कठौता झील का ही पानी पीते हैं।
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जलकल का दावा नगर को लिखा था पत्र
जलकल जेई बीएन द्विवेदी ने बताया कि यहां नाली बनाने को लेकर नगर निगम को पत्र लिखा गया था। लेकिन वहां से जवाब आया कि इसका निर्माण होना जरूरी है। जबकि नाली का निर्माण झील के बाउंड्री से लगाकर किया जा रहा है।
ठेकेदार और कर्मचारियों ने काम में लापरवाही दिखाई जिससे सड़क धंस गई। सोमवार दोपहर तक सड़क को ठीक नहीं किया गया था। हालांकि इस दौरान जलकल के अधिकारी और कर्मचारी वहां पर मौजूद थे।
पिछली बारिश में भी सड़क टूटी थी
यहां पिछले साल भी बारिश में सड़क खराब हुई थी। सड़क टूटने की वजह से पूरे इलाके का पानी झील के अंदर चला गया था। उस समय इलाके के पार्षद शैलेन्द्र वर्मा ने इसको लेकर विरोध भी दर्ज कराया था। लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने भी इलाके का दौरा कर काम की गुणवत्ता को सही करने का आदेश दिया था। हालांकि यह सब बातें महज कागजों तक सीमित रह गई।
डीएम के दौर पर पहुंचे इंजीनियर
सड़क धंसने और बाउंड्री के टूटने की जानकारी होने के बाद भी नगर निगम के जिम्मेदार अफसर मौके पर नहीं पहुंचे। सिविल सेक्शन इंजीनियर भी डीएम के दौर पर पहुंच गए। मौके पर मौजूद जलकल के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों को फोन किया गया था लेकिन अभी तक कोई नहीं आया है।