
अवध चौराहा, तिकुनिया तिराहा, नाका, कैसरबाग और पारा फ्लाईओवर एरिया के हालात परखे। पड़ताल में सामने आया कि बेतरतीब पार्किंग और जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है।

अवध चौराहा: दोपहर और शाम के समय अभी भी भारी ट्रैफिक जाम रहता है। हालांकि, निर्माण कार्य अब रात में भी जारी-पाइलिंग तेज़ हुई। यहां DM के निर्देश के बाद ट्रैफिक मार्शल तैनात हुए थे। मौके पर मौजूद नहीं मिले। स्थानीय दुकानदारों ने बताया- अब कम से कम काम दिख रहा है, पर ट्रैफिक अब भी तकलीफ दे रहा है।
तिकुनिया तिराहा: “Go Slow” और “Danger Zone” के साइनबोर्ड लगे, रिफ्लेक्टर भी लगे हैं। पर ट्रैफिक नियंत्रण नहीं हो पा रहा। सुबह 9 से 11 और शाम 5 से 7 बजे तक भारी दबाव। ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी सीमित है। यहां ऑटो चालकों का कहना है कि DM ने आकर सबको फटकार लगाई थी, पर उसके बाद फॉलोअप नहीं दिखा। बाज़ार वाले अब भी फुटपाथ पर सामान लगाते हैं।

नाका चौराहा: सब्जीवालों और ठेले वालों मुख्य रोड पर फिर से अतिक्रमण किया। फुटपाथ गायब, लोग सड़क पर चलने को मजबूर। ट्रैफिक रुकता है, फिर बढ़ता है-सड़क पर ही पार्किंग। व्यवसायी बोले- हटाते हैं पर दो दिन में वापस आ जाते हैं। नगर निगम की निगरानी नहीं है। पुलिसकर्मियों ने स्वीकारा कि फोर्स की कमी है, हर घंटे चौराहे पर नहीं रह सकते हैं।
कैसरबाग बस स्टेशन: बसों की सड़क पर खड़ी होने की घटनाएं कम हुई हैं। यात्री सूचना पट्ट लगे, लेकिन अपडेट नहीं रहते। परिसर में सफाई की स्थिति बेहतर पर शौचालय अब भी बदहाल। गार्ड तैनात हैं लेकिन फीडबैक व्यवस्था नहीं है। DM के आदेश के बाद बसें अंदर खड़ी होने लगीं, लेकिन पीक टाइम पर बाहर फिर लग जाती हैं।