रुपईडीहा। तत्कालीन बसपा सरकार ने गांवों की साफ सफाई के लिए सफाईकर्मियों की तैनाती की थी। परंतु गांवों की सफाई तो दूर सफाईकर्मी गांवों में झांकने तक नही जाते। नेपाल सीमा से सटे ब्लॉक नवाबगंज मे 67 गांव सभाओं में लगभग 78 सफाईकर्मी तैनात हैं। एक सर्वे में मिली जानकारी के अनुसार इन्हें 26 से 27 हजार तक प्रतिमाह वेतन मिलता है। सचिव इनका पेरोल बना देते हैं। प्रधान हस्ताक्षर कर देते हैं। खातों में इनके पैसा चला जाता है।
सचिव व प्रधानों को मिलाकर कुछ सफाईकर्मी गांव में जाते ही नही हैं। ग्रामवासियों ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि कभी कभार सफाईकर्मी नालियां साफ कर कूड़ा आम जन मार्ग पर फेंक जाते हैं। कूड़ा न उठने के कारण फिर सूख कर नालियों में फिर चला जाता है। नेपाल सीमा से सटी गांव सभा सहजना, दन्दौली, गोपालपुर, लखइहा, रंजीतबोझा, माधवपुर निदौना, शिवपुर मोहरनिया, भगवान पुर कारिंगा, बसंतपुर ऊदल, जमुनहा बाबागंज, सोरहिया, रामपुर हुसैनबक्श, नरैनापुर व जैतापुर आदि दर्जनों गांव सभाओं में सर्वे करने के बाद उक्त जानकारी मिली है। इन गांवों के उपग्राम भी हैं। पहले गांव सभाएं अपने निजी स्रोतों से सफाईकर्मी नियुक्त करती थी। प्रधान व पंच इसकी देखरेख करते थे। अब इसका सरकारी करण हो गया। इसलिए गांवों की स्थिति बद से बदतर हो गयी।
इस संबंध में गांव सभा रंजीतबोझा के प्रधान योगेंद्र वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सफाई कर्मी आता है। गांव के बीच बह रहे गंदे घरों का पानी कीचड़ के रूप में बह रहा है। लोगो का चलना दूभर हो रहा है। तो उन्होंने कहा कि 2 माह में इस मार्ग पर इंटरलाकिंग लग जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सफाईकर्मी आकर कभी कभी सफाई करता है।
कहते हैं एडीओ पंचायत।
ब्लॉक नवाबगंज के एडीओ पंचायत विकास अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सफाईकर्मियों का पेरोल सचिव बनाता है।
प्रधान का हस्ताक्षर होता है। तब यहाँ से सफाईकर्मियों का वेतन निकलता है। गांव की साफ सफाई की जिम्मेदारी प्रधान व सचिव की है। यदि कोई ग्रामवासी लिखित शिकायत करेगा तो उसकी तुरंत जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
ग्राम प्रधान व सचिव की हीलाहवाली के कारण गांव की स्थिति बदतर हो गयी है। कभी कभार एडीओ पंचायत व बीडीओ आकस्मिक गांवों में जांच करें तो स्थिति में सुधार हो सकता है।
नीरज कुमार बरनवाल रुपईडीहा
6/12/2024