महादेव बुक और अन्य गेमिंग और बेटिंग एप से अरबों रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपियों को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने देवरिया के रहने वाले दोनों आरोपियों को समिट बिल्डिंग के पास विभूतिखंड थाना क्षेत्र से गुरुवार देर शाम को पकड़ा है। इंडिया हेड अभय सिंह ग्राम सोना लक्ष्मण, गौरी बाजार और संजीव सिंह, ग्राम जगत माझा, इकौना का रहने वाला है।
ईडी की तरफ से महादेव एप पर शिकंजा कसने के बाद आरोपियों की तरफ से कई गेमिंग और बेटिंग के एप चलाए जा रहे हैं। IPL के मैचों में भी इन पर हजारों करोड़ का अवैध तरीके से सट्टा लगवा धोखाधड़ी हो रही। 12 हजार लोग इसमें काम करने के लिए भारत से दुबई गए हुए हैं।
32 कंपनियों के नाम से 4 हजार सिम दुबई भेजा
एसटीएफ ने बताया, कंपनियों में इस्तेमाल होने वाले कॉर्पोरेट सिम को आरोपियों ने पोर्ट कराकर दुबई भेजा है। ठगी के लिए बने वॉट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप में 32 फर्जी कंपनियों के नाम से सिम का इस्तेमाल किया गया है। इस दौरान आरोपियों ने 32 फर्जी कंपनियों के नाम पर 4000 सिम पोर्ट कराकर दुबई भेजा है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 264 सिम कार्ड बरामद किए हैं। इसमें से 138 वोडाफोन-आइडिया और 138 एयरटेल की सिम है। चार मोबाइल, दो पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, डीएल, एक कार, चेन, ब्रेसलेट, फर्जी दस्तावेज सहित 11,620 रुपए बरामद किए हैं।
ऑनलाइन बेटिंग के नाम पर चल रहा संगठित गिरोह
टेलीग्राम और वॉट्सऐप ग्रुप से क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, हॉर्स राइडिंग, इलेक्शन सहित अन्य पर ऑनलाइन बेटिंग आरोपी कराते थे। कसीनो, तीन पत्ती, कैरम, लूडो के गेम खिलाकर लोगों से ठगी की जाती थी।
इसकी जानकारी एसटीएफ को काफी समय से थी। मामले में जांच पड़ताल करते हुए अब एसटीएफ ने आरोपियों को पकड़ा है। अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ की टीम ने आरोपियों के बारे में जानकारी कर कार्रवाई की है।
दुबई से मास्टर माइंड ने शुरू किया खेल, अनपढ़ लोगों के नाम खरीदी गई सिम
आरोपी अभय सिंह ने एसटीएफ से पूछता में बताया, बुआ का लड़का अभिषेक सिंह दुबई में रहता है। वर्ष 2021 में अभिषेक ने फोन कर कहा कि अपने क्षेत्र से गरीब- अनपढ़ लोगों के नाम से सिम खरीदना है। महीने के 25,000 रुपए सैलरी और रुपए 500 प्रति सिम मिलेगा, सिम एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट करना है।
इसके बाद सिम खरीद कर पोर्ट कराने का काम शुरू कर दिया। एक महीने में 30-35 सिम पोर्ट कराकर पिंटू उर्फ शुभम सोनी निवासी भिलाई दुर्ग छत्तीसगढ जो अभिषेक के ही साथ दुबई में काम करता है, उसको भेजने लगा। सिम का यूपीसी कोड अभिषेक के साथ काम करने वाला चेतन निवासी भिलाई छत्तीसगढ़ भेजता था।
पहली बार मिली 75 हजार सैलरी, एक व्यक्ति के नाम पर खरीदी 6 सिम
अभय ने एसटीएफ को बताया, पहली सैलरी 75 हजार रुपए मिली। इसके बाद कारपोरेट सिम खरीदने का काम दिया गया। फर्जी दस्तावेज से कंपनियों के नाम पर इन सिम को रजिस्टर्ड किया गया। इसमें चेतन भी कुछ कंपनी के दस्तावेज और फर्जी आधार कार्ड भेजता था इन सिम के एक्टीवेशन पर दो हजार रुपए का कमीशन मिलता था।
पिंटू इन सब का सुपरविजन करता था। महीने में 150-200 सिम एक्टीवेट कराकर पिंटू दुबई भेजने लगगा। फरवरी 2024 से कारपोरेट सिम लेने पर कंपनी के साथ-साथ कर्मचारी के नाम का भी केवाईसी होने लगी, जो लिंक के माध्यम से होती है।
इस दौरान आरोपियों ने एक व्यक्ति के नाम 5-6 सिम खरीदी। गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, जयपुर, पुणे, मुंबई, उड़ीसा आदि जगहों से फर्जी तरीके से सिम पोर्ट और एक्टिवेट कराए गए हैं।
महादेव पर ईडी की कार्रवाई के बाद चला रहे नया एप
2021 से 32 फर्जी कंपनियों नाम पर 4000 सिम दुबई भेजा गया है। इन मोबाइल नंबरों से वॉट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप बनाकर ठगी किया जाता था। आरोपी के बैंक खाते को मुंबई साइबर सेल ने फ्रीज किया हुआ है। आरोपी के खिलाफ बलिया में मुकदमा भी दर्ज है।
ईडी द्वारा महादेव बुक पर कार्रवाई करने के बाद इस समय रेड्डी अन्ना बुक, फेयर प्ले, लोटस 365, मैजिकविन, गोल्डन 444, दमन बुक, विनबज्ज व आईपीएल विन 365 के नाम से गेमिंग और वेटिंग एप आरोपियों की तरफ से चलाए जा रहे। इसकी फ्रेंचाइजी पूरे देश में दी जाती है। ठगी से आए रुपए में 80 प्रतिशत सौरभ चंद्राकर और पिंटू ( महादेव बुक एप के प्रमोटर) द्वारा भारतीय खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं।
ठगी करने वाली कंपनी में काम करने के लिए 12 हजार लोग गए हैं दुबई
आरोपी ने एसटीएफ से पूछताछ में बताया, ठगी की इन कंपनियों में काम करने के लिए 10000-12000 कर्मचारी भारत से दुबई गए हुए हैं, जो गेमिंग एप के बैंक अकाउंट, वॉट्सऐप/टेलीग्राम अकाउंट और अन्य सर्विस देखते हैं।
इस समय IPL में भी अवैध रूप से हजारों करोड़ का सट्टा टेलीग्राम और वॉट्सऐप ग्रुप लगाया जा रहा है। इसका प्रमोशन और मार्केटिंग भी विभिन्न कंपनी के माध्यम से किया जाता है। कंपनियों की तरफ से बैंक खाता किराये पर लिया गया है।
साथ ही कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराकर सिम पोर्ट कर दुबई भेजा गया है। वहीं, गिरफ्तार किए गए दूसरे आरोपी ने कहा कि अभय के कहने पर अपने नाम से कंपनी रजिस्टर्ड कराई थी। मामले में विभूतिखंड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।