लखनऊ में नालों पर हुए कब्जों को हटाया जाएगा। उसके बाद नालों की सफाई दोबारा कराई जाएगी। इसको लेकर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने आदेश जारी किया है। दरअसल, हल्की बारिश होने पर भी शहर में जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है।
वहीं नगर निगम पर नालों की सफाई न कराने का आरोप लग रहा है। जबकि अभी मानूसन के तीन महीने बचे हैं। ऐसे में नगर निगम नाली और नाले की दोबारा सफाई कराएगा। इसके साथ ही बड़े नालों पर अवैध कब्जा कर स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
एक सप्ताह के अंदर हटेगा अतिक्रमण
सभी को एक सप्ताह में खुद से अतिक्रमण हटाने का समय दिया गया है। इसके बाद नगर निगम कार्रवाई करेगा। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने इस संबंध में अभियंताओं को निर्देश दिए हैं। नगर आयुक्त का कहना है कि बड़े नालों पर कई जगह अतिक्रमण है। अतिक्रमण हटाने की कवायद मौलवीगंज वार्ड से की गई है।
यहां कई जगह अस्थायी निर्माण कुछ लोग ने खुद तोड़कर हटा लिए हैं। बचे हुए लोगों को नगर निगम का इंजिनियरिंग विभाग ने नोटिस देकर खाली करने को कहा है। यह कार्रवाई हैदर कैनाल, सरकटा नाला और किला मोहम्मदी पर चलाया जाएगा। नगर आयुक्त का कहना है कि मशकगंज में तो कई जगह नाले के ऊपर भवनों का कुछ हिस्सा तक बनाकर खड़ा कर दिया गया है।
बालकनी और रैंप तक बना दिए
कई जगहों पर नाले के ऊपर बालकनी से लेकर रैंप तक बना दिए हैं। इन सभी को तोड़ने की कवायद की जाएगी। इसके लिए पुलिस फोर्स की भी नगर निगम को जरूरत पड़ेगी। पुलिस फोर्स के लिए नगर आयुक्त ने पुलिस कमिश्नर को पत्र भी लिखा है। नगर आयुक्त ने बताया कि इस्लामिया कॉलेज से लेकर नूर मंजिल तक बड़े नाले के ऊपर कई व्यापारिक प्रतिष्ठान बन गए हैं। नाले के ऊपर रैंप बनने से उसकी सफाई नहीं हो पा रही है।
लालबाग के व्यापारियों के साथ होगी बैठक
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया, अतिक्रमण हटाने के लिए लालबाग के व्यापारियों के साथ बैठक कर बीच का रास्ता निकालेंगे। व्यापारियों से अपील की जाएगी कि वह नाले के ऊपर बने रैंप को खुद तोड़कर हटा लें। ऐसा न करने पर नगर निगम को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी। बरसात में मकानों के रैंप को तोड़ने से अव्यवस्था फैल जाएगी। रैंप तोड़ने से कई जगह कॉलोनियों की नाली भी क्षतिग्रस्त होगी। इसलिए दिसंबर से वार्डवार अतिक्रमण के खिलाफ नोटिस देकर कार्रवाई होगी।