
लखनऊ में जुमा की नमाज में हसन नसरल्लाह को श्रद्धांजलि दी गई। इजराइल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बेंजामिन नेतन्याहू का विरोध किया गया। हिज्बुल्लाह लीडर की मौत के बाद जुमे के दिन इमामबाड़ा के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। इमामबाड़ा स्थित आसिफी मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। नमाज के बाद हसन नसरल्लाह की याद में मजलिस भी पढ़ी गई।
नमाज के दौरान मौलाना कल्बे जव्वाद ने हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि दी। मौलाना ने कहा कि हम लोग लगातार हसन नसरल्लाह की मौत का विरोध कर रहे हैं। विगत कई दिनों तक हमने विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाला था। हसन नसरुल्लाह पर सीधे तौर पर आतंकी हमला हुआ है। आज बहुत अफसोस कि बात है कि आतंकी हमले में जिसे मार दिया गया, उसे ही आतंकवादी कहा जा रहा है।
मौलाना ने कहा हम शहीद और पीड़ितों के साथ हैं। हमारे समुदाय ने अन्याय और आतंकवाद का कभी साथ नहीं दिया। हसन नसरुल्लाह ने हमेशा कमजोरों का साथ दिया। आतंकवाद से उनका कोई संबंध नहीं था। इजराइल ने घर में बैठे हुए शख्स को धोखे से मारा है। ईरान और हमारे सुप्रीम लीडर इजराइल को मुंहतोड़ जवाब देंगे।

भारत की 45 नर्सों की बचाई थी जान
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि हसन नसरल्लाह ने 2015 में भारत की 45 नर्सें जो सीरिया में फंसी थीं, उनको सुरक्षित बाहर निकालने में भारत की मदद की थी। उनके अच्छे कामों को भी बताना चाहिए। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने हमेशा फिलिस्तीन का साथ दिया।
शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने भारत को ईरान का साथ देने की मांग किया है।
भारत की विदेशी नीतियों में हमेशा ईरान का समर्थन रहा। इस समय भारत की पॉलिसी में जो बदलाव आ रहा है, उसके बारे में मोदी सरकार को सोचना चाहिए। हम चाहते हैं कि हमेशा की तरह भारत पीड़ितों का साथ दे। हम लोग आगे भी इजराइल का विरोध करते रहेंगे।