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लखनऊ जिला पंचायत अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप सही शासन ने जांच रिपोर्ट के आधार पर आरती रावत का वित्तीय अधिकार किया सीज

भारतीय जनता पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सही पाए गए हैं। प्रशासनिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद शासन ने उनके प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार सीज कर दिए हैं।

शासन ने जिला पंचायत के संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसमें जिला पंचायत सदस्य पलक रावत, अनीता, और शशिपाल को शामिल किया गया है। आरती रावत के कार्यकाल में लगभग डेढ़ वर्ष का समय शेष है, लेकिन अब उनके अधिकार छीनने के बाद यह समिति संचालन का कार्य देखेगी।

गोसाईगंज से भाजपा की जिला पंचायत सदस्य नीतू रावत ने आरती पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए थे। आरोपों में योजनाओं के बजट के दुरुपयोग, टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी, और अफसरों पर दबाव बनाकर मनमाने फैसले लेना शामिल था।

जांच में पाया गया कि आरती ने अपने कार्यकाल में जिला पंचायत के नियमों की अनदेखी करते हुए फंड का दुरुपयोग किया। एक गैर-जिला पंचायत क्षेत्र में सड़क निर्माण और अन्य परियोजनाओं पर भी पैसा लगाया गया। हालांकि, शिकायतकर्ता नीतू रावत को तीन सदस्यीय समिति में शामिल नहीं किया गया है।

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