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राजधानी लखनऊ अबरारनगर मकानों पर लाल निशान लगाने का दोषी कौन है यह अभी तक तय नहीं हुआ है।

मकानों पर लाल निशान लगाने का दोषी कौन है यह अभी तक तय नहीं हुआ है। - Dainik Bhaskar
मकानों पर लाल निशान लगाने का दोषी कौन है यह अभी तक तय नहीं हुआ है।

लखनऊ के रहीम नगर, पंतनगर, इन्द्रप्रस्थ नगर, खुर्रमनगर और अबरारनगर के मकानों में लाल निशान लगाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। सचिव विवेक कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कमेटी में अपर सचिव, संयुक्त सचिव के अलावा इंजीनियर भी शामिल हैं।

कमेटी यह जांच करेगी कि किन परिस्थितियों में लोगों के मकानों पर लाल निशान लगाए गए। इसके लिए कौन दोषी है। पहले कमिश्नर रोशन जैकब खुद इसकी जांच कर रही थीं। कमिश्नर ने एलडीए से लाल निशान लगाने के मामले की वीडियो रिकार्डिंग मंगाई थी। एलडीए तथा सिंचाई विभाग ने कुकरैल नदी के किनारे बसे रहीम नगर, पंतनगर, इन्द्रप्रस्थ नगर, खुर्रमनगर, अबरार नगर के मोहल्लों के मकानों में सर्वे के बाद लाल निशान लगा दिया था।

50 मीटर की दूरी तक निशान लगाए गए थे

कुकरैल नदी से 50 मीटर की दूरी तक निशान लगाए गए थे। इससे बड़े पैमाने पर लोगों के मकानों के ध्वस्त होने का खतरा बन गया था। लोगों ने इसको लेकर आन्दोलन शुरू किया। धरना प्रदर्शन किया। नए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जिम्मेदारी संभालने के बाद मामले की जानकारी सीएम को दी।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्थानीय निवासियों से मुलाकात कर उनके मकानों को तोड़ने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी। सीएम ने मकानों में लाल निशान लगाने वाले अफसरों की जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया था। उन्होंने डीएम व कमिश्नर को इसकी जांच करने को कहा था। जिसके बाद कमिश्नर ने जांच शुरू की थी।

उन्होंने दूसरे ही दिन एलडीए से वीडियो आदि मंगवा लिया था। लेकिन बुधवार को मामले की जांच एलडीए सचिव विवेक कुमार श्रीवास्तव के पास आ गई। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों के लिए कोई और आदेश नहीं जारी होना है। उसी समय फैसला हो गया था। लाल निशान कर्मचारी भेजकर मिटवाए जाएंगे।

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