लखनऊ में खाली प्लॉट के बाहर बनी नाली में पेशाब करना ड्राइवर को भारी पड़ गया। पूर्व विधायक अविनाश त्रिवेदी के गनर पहले ड्राइवर को थप्पड़ मारे फिर थाने ले जाकर भी धमकाया। पीड़ित रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सेक्शन ऑफिसर का ड्राइवर है। घटना लखनऊ के गोमती नगर की है। मामले को लेकर थाने में शिकायत दी गई है।
जानकारी के मुताबिक गोमती नगर विस्तार में रहने वाला दीपू विपुल खंड में ड्राइवर का काम करता है। दीपू रेवन्यू डिपार्टमेंट की सेक्शन ऑफिसर नीतू सिंह की गाड़ी चलाता है। 22 जुलाई से ही उसने काम शुरू किया था।
घटना का CCTV सामने आया
अब जानते हैं कैसे हुई पूरी घटना
गुरुवार को सेक्शन ऑफिसर नीतू सिंह ड्राइवर दीपू के साथ बच्ची को स्कूल लेने गई थी। वहां से लौटने के बाद उन्हें ऑफिस के लिए निकलना था। ड्राइवर घर के बाहर ही इंतजार कर रहा था। इस दौरान उसे पेशाब लगी तो वो पास में ही खाली प्लॉट के बाहर बनी नाली में पेशाब करने लगा।
घटना का CCTV सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि पेशाब करते वक्त ही बीजेपी के पूर्व बीजेपी विधायक अविनाश त्रिवेदी का गनर वहां आ गया। उसके ड्राइवर के साथ मारपीट शुरू कर दी। शोर-शराबा सुनकर नीतू सिंह भी बाहर आईं।
उन्होंने देखा कि गनर उनके ड्राइवर को थप्पड़ मार रहा तो उन्होंने रोकने की कोशिश की। इसके बाद गनर और उग्र हो गया और गाली गलौज करते जबरन ड्राइवर को अपनी गाड़ी में बैठाकर थाने पहुंच गया। वहां भी गनर ने ड्राइवर को धक्के दिए और धमकी दी।
ड्राइवर माफी मांगता रहा लेकिन गनर नहीं माना
दीपू ने बताया कि वो अपनी गलती के लिए लगातार माफी मांगता रहा लेकिन गनर उसकी बात सुनने को तैयार नहीं था। बस थप्पड़ पर थप्पड़ मारता जा रहा था। गनर ने उसे गेट के अंदर बंद कर दिया। तब उसने अगली बार ऐसी गलती न करने की बात कही लेकिन जबरन उसे गाड़ी में बैठाकर थाने लेकर चला गया।
गाड़ी में ही उसका मोबाइल फोन छीन लिया। थाने में भी ले जाकर धक्का दिया और गालियां दी। थाने में भी दीपू ने माफी मांगी। इसके बाद मामला बढ़ता देख गनर ने पुलिस को बताया कि ड्राइवर तीन महीने से उसके साथ गाली गलौज कर रहा है। जबकि दीपू तीन दिन पहले ही वहां नौकरी करने पहुंचा था। ड्राइवर ने भी पुलिस को तहरीर दी है, जिसकी जांच की जा रही है।
पहले भी विवादों में आ चुका है अविनाश त्रिवेदी का नाम
अविनाश त्रिवेदी का नाम पहले भी विवादों में आ चुका है। 2018 में लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर से मारपीट करने की घटना हुई थी। उस मामले में प्रशांत मिश्रा को आरोपी बनाया गया था। घटना के बाद प्रशांत मिश्रा फरार हो गया था। तब बीजेपी विधायक अविनाश त्रिवेदी पर उसे पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले जाने का आरोप लगा था।
उस मामले में अविनाश त्रिवेदी ने सफाई देते हुए कहा था कि वो अटलजी के अस्थि कलश कार्यक्रम में शामिल होने लखनऊ आए हुए थे। लौटते समय पुलिस और लोगों में विवाद होता देखा तो समझौता करवाने चले गए। उनकी मौजूदगी में कोई हाथापाई नहीं हुई थी।