
गांव वालों के अनुसार, पति फकीरे की मृत्यु के बाद से रजाना अकेली रहती थी। बेची गई जमीन के रुपए से उसने रिश्ते में एक भतीजे के नाम पर बाराबंकी में जमीन खरीदी। उसका भतीजा रैथा गांव निवासी मेवा लाल उसे खाना देता था। वहीं मृतका की फूफेरी बहु ने थाने में तहरीर देकर भतीजे मेवालाल पर हत्या का आरोप लगाया है।

खाना देने पहुंचा तो नहीं मिली चाची
महिला के भतीजे मेवा लाल ने बताया कि वह चाची को रोज खाना देने आता था। 6 मार्च की सुबह उनके लिए खाना लेकर पहुंचा। अगले दिन जब वह पहुंचा, तो घर पर ताला लगा था। उस दिन चाची नहीं मिली तो उसने 112 पर सूचना दी और BKT थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

बाग में क्षत-विक्षत शव मिला
रविवार सुबह गांव के बुजुर्ग मंगलू और अन्य लोगों ने सागौन के बाग में शव देखा और पुलिस को सूचित किया। घटनास्थल आईटीएम कॉलेज की बाउंड्री वॉल से सटा हुआ है।
ACP अमोल मुरकुट के नेतृत्व में पुलिस टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। फील्ड यूनिट को जांच के लिए बुलाया गया। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
भतीजे पर हत्या का आरोप, लिखित तहरीर दी
भौली गांव की रहने वाली लक्ष्मी पत्नी दयाराम ने बुजुर्ग महिला की हत्या को लेकर बीकेटी थाने में लिखित तहरीर दी है। लक्ष्मी ने बताया- उसकी फूफेरी सास रजाना की हत्या भतीजे मेवा लाल पुत्र फकीरे ने की है।

उन्होंने बताया- मेवालाल रजाना का सगा सम्बन्धी नहीं था। वह दूर का रिश्तेदार है। मेवालाल रजाना की जमीन बेचने और खरीदने का काम करता था। रुपए के लालच में उसने मेरी सास की हत्या की है।