भारतीय सेना की खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेजने वाले ISI हैंडलर से ATS ने पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ में सामने आया कि जियाउल हक सीधे तौर पर पाकिस्तानी एजेंटो के संपर्क में है।
खुद की पहचान छिपाने के लिए वह नेपाल की सिम से WhatsApp अकाउंट बनाकर पुलिस को चकमा देता है। आतंकी जियाउल हक यूपी में बैठकर भारत की सुरक्षा से जुड़ी खुफिया जानकारी पाकिस्तान को भेजता था। इसे पनाह देने वालों की भी पुलिस ने खोजबीन शुरू कर दी है।
विशेष न्यायाधीश एनआइए/ एटीएस की अर्जी पर जिआउल हक की सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। वह 14 मई 2024 की शाम छह बजे तक एटीएस की पुलिस रिमांड पर रहेगा। एटीएस की टीम पाकिस्तान खुफिया और यूपी सहित आसपास के प्रदेशों से जुड़े लोगों की जानकारी भी जुटा रही है।
इन सावालों के मांगे गए जवाब
- आईएसआई के संपर्क में कब से है।
- रियाजुद्दीन के संपर्क में कैसे आया।
- नेपाली सिम किसने मुहैया कराए।
- यूपी समेत भारत में कितने एजेंट हैं।
- बैंको में खोले गए खाताधरकों को कैसे जोड़ा।
- खाताधारक पैसों के लालच में जुड़े या वह भी नेटवर्क में शामिल हैं।
- पाकिस्तान से साइबर ठगी के अलावा पैसे किस माध्यम से आता है।
- अभी तक उसने कितने शहरों और प्रदेशों के प्रमुख सेना क्षेत्र और प्रमुख स्थलों की रैकी कर सूचना दी।
- आईएसआई कमांडर को कैसे संपर्क करता था।
- पाकिस्तान आने जाने वालों को कहां और कैसे यूपी में प्रवेश दिलाता था।
सेना की जानकारी देने वालों को देता था पैसा
पाकिस्तान में बैठे सरगना को वह जो भी सूचना देता था उसके एवज में साइबर फ्रॉड से पैसा ट्रांसफर कराता था। एटीएस के मुताबिक तीन मई 2024 को पचास हजार के इनामी गिरफ्तार जियाउल हक को यूपी के संत कबीर नगर जिले के खलीलाबाद रेलवे स्टेशन गिरफ्तार किया गया था।
ऐसे बांटता था ऐजेंट को पैसा
बिहार के पश्चिमी चंपारण के जौकटिया मझौलिया निवासी जियाउल हक पाकिस्तान को सूचना देने वाले एजेंट को पैसे मुहैया कराता था। इसकी जानकारी नवंबर 2023 में गिरफ्तार अमृतपाल सिंह उर्फ अमृत गिल के संपर्क में आकर भारतीय सेना की खुफिया सूचना देने के लिए जुड़ा था। उसके बाद आतंकी संगठन से जुड़ गया।
एटीएस ने अमृतपाल के साथ रियाजुद्दीन को भी गिरफ्तार किया था। पूछताछ में जियाउल का इजहारुल का नाम सामने आया। इजहारुल बिहार जेल में बंद था। आईएसआई को सूचना देने वाले भारतीय एजेंट को देता था। एटीएस सूत्रों के मुताबिक जियाउल हक सीधे तौर पर पाकिस्तानी एजेंटो के संपर्क में था। अपनी पहचान छिपाने के लिए नेपाल के सिम से वाट्सएप अकाउंट बनाकर उनके संपर्क में था।
आईएसआई के पाकिस्तानी कमांडर के कहने पर भारतीय खुफिया जानकारी देने वाले एजेंट्स को पैसे भेजने का काम करता था। इसके लिए कई लोगों को पैसे का लालच देकर उनके खाते खुलवाया। सभी बैंक खातों को वह खुद ऑपरेट करता था।
आतंकी रियाजुद्दीन को भेजे थे 70 लाख रुपये
एटीएस की जांच में सामने आया कि जियाउल हक ने मार्च 2023 में गिरफ्तार रियाजुद्दीन के खाते में साइबर फ्राड से 70 लाख रुपये जमा कराया। यह रियाजुद्दीन के खाते में मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच जमा हुआ था। जिन्हें जियाउल के कई खातों में भेजकर भारतीय एजेंट को देता था। खुद न पकड़ा जाए इसके लिए हमेशा वाट्सएप काल और नेपाली सिम का प्रयोग करता था।