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अयोध्या राम मंदिर में पहली बारिश में पानी टपकने पर मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने सफाई दी।

अयोध्या में नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार सुबह मीडिया से बातचीत में मंदिर में पानी भरने की वजह बताई। - Dainik Bhaskar
अयोध्या में नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार सुबह मीडिया से बातचीत में मंदिर में पानी भरने की वजह बताई।

अयोध्या राम मंदिर में पहली बारिश में पानी टपकने पर मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने सफाई दी। मंगलवार को उन्होंने कहा- राम मंदिर के गर्भगृह में पानी भरने की दो वजह रहीं। पहली, गर्भगृह के आगे गूढ़ मंडप का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके चलते बारिश का पानी मंदिर परिसर में आ गया। दूसरी, मंदिर की पहली मंजिल पर बिजली के तार डालने के लिए पाइप खुला था। इसके जरिए भी पानी मंदिर में आया।

उन्होंने कहा- मैंने खुद मंदिर का निरीक्षण कर सभी बिंदुओं को देखा है। कुछ लोगों ने केवल मंदिर में पानी टपकने का भ्रम पैदा किया है। मंदिर निर्माण की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया गया है।

श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए गर्भगृह के आगे गूढ़ मंडप को अभी अस्थायी तरीके से बनाया गया है। इसे हटाकर पक्का किया जाएगा।

श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा। -फाइल फोटो
श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा।

मंदिर निर्माण की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- हम लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि मंदिर निर्माण की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं की गई। हर सावधानी बरती जा रही है। हाई क्वालिटी का निर्माण किया जा रहा है। हर निर्माण की जांच CBR रुड़की से कराई जाती है। जिसका वे सर्टिफिकेट भी देते हैं।

मंदिर नागर शैली में बना है। बाहर के मंडप खुले हैं। जहां तेज बारिश में पानी आने की संभावना रहती है, लेकिन निर्माण हो जाने के बाद मंदिर के अंदर पानी आने की कोई संभावना नहीं होगी।

गर्भगृह के पानी को कुंड में किया जा रहा एकत्र

गर्भगृह से पानी की निकासी न होने के सवाल पर नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- गर्भगृह के पानी को एक कुंड में एकत्र किया जाता है। गर्भगृह समेत सभी मंडपों में परनाला है। वहां से प्राकृतिक तरीके से पानी निकल जाएगा। मंदिर की डिजाइन को इसी तरह से बनाया गया है।

मुख्य पुजारी ने कहा था- गर्भगृह में पानी भरा, आरती टॉर्च में करनी पड़ी

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास।

मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा था कि राम मंदिर की छतों से बारिश का पानी टपक रहा है। गर्भगृह में, जहां रामलला विराजमान हैं, वहां भी पानी भर गया था। अगर एक-दो दिन में इंतजाम नहीं हुए, तो दर्शन और पूजन की व्यवस्था बंद करनी पड़ेगी।

  1. ‘शनिवार रात 2 से 5 बजे तक तेज बारिश हुई। इसके बाद मंदिर के गर्भगृह के सामने मंडप में 4 इंच तक पानी भर गया। मंदिर के अंदर लोगों को डर था कि कहीं करंट न उतर आए। इसलिए सुबह 4 बजे होने वाली आरती टॉर्च की रोशनी में करनी पड़ी। सुबह 6 बजे की आरती भी ऐसे ही हुई।’

  2. ‘गर्भगृह के अलावा भी जो छोटे मंदिर बने हैं, वहां भी पानी भर गया है। इस पर ध्यान देना चाहिए कि निर्माण में क्या कमी रह गई? एक तो राम मंदिर से बारिश का पानी निकलने की जगह नहीं है। ऊपर से पानी भी टपकने लगा, इससे अव्यवस्था हुई।’

  3. ये पानी क्यों भरा? इसके जवाब में उन्होंने बताया- पहली मंजिल पर निर्माण जारी है। वहां रॉड लगाने के लिए होल (छेद) छूटे हुए हैं। वहीं से मंदिर के अंदर पानी आया था।’

मंदिर निर्माण समिति की बैठक में हुई चर्चा

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक रविवार को हुई। इसमें मंदिर के निर्माण को लेकर मंथन हुआ। नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्ष में हुई इस बैठक में इंजीनियर, राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी शामिल हुए। मीटिंग में बारिश के दौरान मंदिर में पानी पहुंचने पर भी डिस्कस हुआ। इसमें इंजीनियर्स ने बताया कि पहली मंजिल पर निर्माण काम तेज गति से चल रहा है। इस वजह से यह दिक्कत हुई है।

राम मंदिर पर अब तक 1800 करोड़ खर्च

इस साल 22 जनवरी को पीएम मोदी ने 12:30 बजे भगवान राम की अर्चना की। आरती उतारी और भगवान राम प्रतिष्ठित हो गए।
इस साल 22 जनवरी को पीएम मोदी ने 12:30 बजे भगवान राम की अर्चना की। आरती उतारी और भगवान राम प्रतिष्ठित हो गए।
यह फोटो प्राण प्रतिष्ठा के दिन की है। जब मंदिर को फूलों से सजाया गया था।
यह फोटो प्राण प्रतिष्ठा के दिन की है। जब मंदिर को फूलों से सजाया गया था।

राम मंदिर में अभी सिर्फ एक फ्लोर तैयार है। इसी पर 1800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मुख्य शिखर, परकोटा, 5 छोटे शिखर 13 मंदिर, ट्रस्ट के ऑफिस, VVIP वेटिंग एरिया, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, लाइब्रेरी और शोध संस्थान समेत कई काम बाकी हैं। मंदिर के डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजर गिरीश सहस्त्रभोजनी बताते हैं कि बचे काम में 2000 करोड़ रुपए की और जरूरत पड़ सकती है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, राम मंदिर के लिए अब तक 3200 करोड़ से ज्यादा का दान मिल चुका है। अब भी दान आ रहा है। कथावाचक मोरारी बापू ने सबसे ज्यादा 11.3 करोड़ रुपए दान किए हैं।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में गूंजे थे 5.30 लाख मंत्र:10 सेकेंड में विराजे थे सबके राम

नदियप प्रजामे गोपाया अमृतत्वया जीवते, जातांच निश्यामानांच, अमृते सत्ये प्रतिष्ठिताम्” अर्थात, यहां पर प्रतिष्ठित होकर पूरी सृष्टि का संचालन करें। प्रभु धर्म की रक्षा के लिए आप प्रतिष्ठित हो जाइए। 10 सेकेंड के इस मंत्र से अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में इस साल 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।

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