मस्जिदों को गिराने के दौरान सिर्फ पुलिस और प्रशासन के लोग मौजूद रहे। बाहरी लोगों को हटा दिया गया। सुरक्षा को देखते हुए वहां से गुजरने वाले फ्लाईओवर का एक हिस्सा भी बंद कर दिया गया। दोनों मस्जिद और मदरसे को गिराने में करीब 4 घंटे लगे। इन दोनों मस्जिदों को सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से 2016-17 में बनवाया गया था।
मस्जिद गिराए जाने की 3 तस्वीर
मस्जिद की नींव की खुदाई की गई
मस्जिदों को गिराने की तैयारी प्रशासन ने मंगलवार शाम 4 बजे शुरू कर दी थी। मस्जिद और मदरसे के पास से मलबे को हटाया गया। फिर दो तरफ से नींव की खुदाई की गई। इससे मस्जिद की नींव कमजोर हो गई। एक-एक पिलर को तोड़ा गया। एक तरफ ऊंचा स्लैब बनाया गया। फिर आखिरी पिलर को तोड़ते ही मस्जिद गिर गई।
एलडीए के इंजीनियर ने बताया कि तीनों बिल्डिंग की हाइट ज्यादा थी, ऐसे में नॉर्मल तरीक से तोड़ने में काफी वक्त लग जाता। इसलिए, इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया।
मोबाइल से शूट करने पर पाबंदी, प्रशासन ने ड्रोन से शूट किए वीडियो
प्रशासन ने कार्रवाई के दौरान वहां मौजूद एलडीए और पुलिस कर्मचारियों के मोबाइल निकालने और शूट करने पर पाबंदी लगा दी थी। प्रशासन को आशंका थी कि अगर तुरंत वीडियो सर्कुलेट हुआ तो कार्रवाई में दिक्कत आ सकती है। हालांकि, प्रशासन ने खुद ड्रोन से वीडियो शूट करवाए थे।
दो मंदिरों को भी बुलडोजर से तोड़ा गया
मंगलवार दिन में अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन ने अकबरनगर में दो मंदिरों को भी बुलडोजर से तोड़ दिया था। एक बड़ा मंदिर था, जबकि दूसरा छोटा। प्रशासन का दावा है कि दोनों मंदिर अवैध तरीके से अतिक्रमण करके बनाए गए हैं।
24.5 एकड़ जमीन को मुक्त कराया गया
अकबरनगर फेज-एक और फेज-दो में अब अवैध अतिक्रमण पूरी तरह से तोड़ दिया गया। यहां अवैध रूप से बने 1,169 आवास और 101 कॉमर्शियल निर्माण ध्वस्त किए गए। भीखमपूरा इलाके में भी कुछ स्थायी निर्माण तोड़े गए। कुल 1,321 स्थायी निर्माण के साथ करीब 1,800 अवैध निर्माण को तोड़ा गया। करीब 24.5 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया। अब 1500 टन से ज्यादा मलबा हटाने का काम शुरू किया जाएगा।
इको टूरिज्म का हब बनाएगी योगी सरकार
योगी सरकार अकबरनगर में ईको टूरिज्म हब बनाने की तैयारी में है। इसको लेकर सिंचाई विभाग को निर्देश दिया गया है। करीब 25 किलोमीटर के दायरे में कुकरैल रिवर फ्रंट को डेवलप किया जाएगा। इसमें 30 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे।
चिड़ियाघर को शिफ्ट किया जाएगा
लखनऊ के चिड़ियाघर को भी इसी जगह शिफ्ट करने की प्लानिंग है। अकबरनगर को खाली कराने के लिए पिछले एक साल से अभियान चल रहा था। कार्रवाई के खिलाफ अकबरनगर के लोग हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए। सुप्रीम कोर्ट से भी लोगों को कोई मदद नहीं मिली थी। कोर्ट ने कहा था कि योगी सरकार की कार्रवाई सही है।