लखनऊ हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि न्यायालय ने याची को नागरिकता कानून के तहत सक्षम प्राधिकारी के समक्ष मामले को उठाने की छूट दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने एस विग्नेश शिशिर की याचिका पर पारित किया। याची की ओर से दलील दी गई थी कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं, लिहाजा वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लोकसभा सदस्य का पद नहीं धारण कर सकते।
याची की दलील थी कि उसने अपने तर्क के समर्थन में कई दस्तावेज लगाए हैं। वहीं, सुनवाई के दौरान न्यायालय ने याची से पूछाकि उसने अपने बारे में विस्तृत विस्तृत जानकारी याचिका में नहीं दी है। जबकि जनहित याचिका में इसका उल्लेख करना अनिवार्य होता है।
इस पर याची ने न्यायालय को बताया कि वह कर्नाटक का रहने वाला है, पेशे से किसान है और भारतीय जनता पार्टी का सदस्य रह चुका है। न्यायालय में कुछ समय चली सुनवाई के बाद याची ने न्यायालय से अपनी याचिका को वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया, वा न्यायालय से यह भी अनुमति मांगा की उसे यह छूट दिया जाये की वह नागरिकता कानून के तहत सक्षम प्राधिकारी के समक्ष मामला उठा सके। जिसपर न्यायालय ने याची के इस अनुरोध को मानते हुये उसकी याचिका को खारिज कर दिया।