न्यायालय ने यह भी कहा है कि जांच रिपोर्ट न्यायालय में सील कवर में दाखिल किया जाएं। मामले में सुनवाई के लिए न्यायालय ने 10 सितंबर की तारीख नीयत की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चैधरी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने गोमती मिश्रा की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि याची बुजुर्ग महिला है। जिसके MBA शिक्षित बेटे को चोरी के फर्जी केस में पुलिस ने सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया, क्योंकि उसने रायबरेली के एसपी अभिषेक अग्रवाल को टैक्सी देने से मना कर दिया था।
याची की ओर से न्यायालय को बताया गया कि उसके बेटे अलख मिश्रा को 30-31 मार्च की रात को पुलिस ने रायबरेली के मौरांवा पेट्रोल पम्प से गिरफ्तार किया। उसे थाना खीरो ले जाया गया, जहां उसे मारापीटा गया। अगले दिन उसकी हिंदू पुर गांव में चोरी के दौरान गिरफ्तारी दिखा दिया।
याची ने न्यायालय को बताया कि 30-31 मार्च को पेट्रोल पम्प से की गई गिरफ्तारी की सीसीटीवी फुटेज मौजूद है। जिसमे साफ दिख रहा है कि उसकी गिरफ्तारी कब की गई है। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT जांच का आदेश दिया।
न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि SIT में ऐसे अधिकारी रखे जाएं जो एसपी अभिषेक अग्रवाल व मामले में शामिल अन्य पुलिस अधिकारियों से सीनियर हों।