इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र सरकार से कहा है कि डीआरटी पीठासीन अधिकारी एएच खान के खिलाफ लगाए गए बार एसोसिशन के आरोप पर विचार करें। साथ ही लगाए गए आरोप की जांच करके उसकी रिपोर्ट भी तैयार करें।
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चन्द्रा व न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने डीआरटी बार एसोसिएशन लखनऊ की ओर से 2022 में दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। याचिका के माध्यम से याची ने एएच खान पर अपने मनमर्जी के हिसाब से आदेश पारित करने का आरोप लगाया है।
पीठासीन अधिकारी के खिलाफ एक अन्य याचिका भी दाखिल थी, जिसमें उनके आचरण को लेकर आरोप लगाया गया है। जिस पर भी न्यायालय ने गौर करते हुए केंद्र सरकार से जवाब देने को भी कहा था।
बार एसोसिएशन ने न्यायालय को बताया कि यदि सरकार उनके द्वारा लगाए गए शुरुआती छानबीन रिपोर्ट जांच करके यदि उचित आदेश पारित करती है तो उनकी सारी मांगे पूरी हो जाएंगी। न्यायालय ने पीठासीन अधिकारी द्वारा किए जा रहे न्यायिक कार्य पर उनके गलत आचरण को लेकर इस आदेश में कोई टिप्पणी नहीं की है।