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यूपी में दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर लखनऊ एससीआर( राज्य राजधानी क्षेत्र) का गठन किया जाएगा।

यूपी में दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर लखनऊ एससीआर( राज्य राजधानी क्षेत्र) का गठन किया जाएगा। इस रीजन में लखनऊ समेत आसपास के 6 जिलों को शामिल किया जाएगा। देश के किसी भी राज्य में एससीआर बनाने वाला यूपी पहला राज्य होगा।

सीएम योगी ने एससीआर बनाने की घोषणा की। राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन की मंजूरी का नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। इसमें लखनऊ के अलावा हरदोई, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर और उन्नाव जिले शामिल है। एक्सपर्ट बताते हैं कि दिल्ली और बेंगलुरु जैसी चमक लखनऊ रीजन की हो सकती है।

इन छह जिलों का 27, 826 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल एससीआर के दायरे में आएगा। इसमें सबसे ज्यादा 5,986 वर्ग किमी का इलाका हरदोई जिले का है। एससीआर के छह जिलों में 2, 29, 41, 300 की जनसंख्या है। इसमें 45, 89, 638 लोक शामिल है।

एससीआर गठन की मंजूरी के बाद सबके मन में सवाल है कि एससीआर बनने से इन शहरों में किस तरह का बदलाव होगा। नई चीजें क्या आएंगी और विकास को किस तरह से गति मिल सकेगी।

कैसे स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी एससीआर में कार्य को गति दी जाएगी। इसे लेकर दैनिक भास्कर ने एक्सपर्ट से बातचीत की और जाना की एससीआर में खास क्या होगा

एससीआर में कुल 6 जिले शामिल है?

एससीआर में राजधानी और आसपास के कुल 6 जिलों को शामिल किया गया है। इसमें लखनऊ के अलावा उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर और हरदोई को शामिल किया गया है।

एससीआर गठन को लेकर भास्कर रिपोर्टर ने रिजन एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से बातचीत की। अनुज अग्रवाल ने सवालों के जो जवाब दिए वो पढ़िए

सवाल- एससीआर बनाने की जरूरत क्यों पड़ी है? आप इससे भविष्य में किस तरह का बदलाव देखते हैं

जवाब- एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल कहते हैं कि लखनऊ शहर का विस्तार तेजी से हो रहा है। लखनऊ के चारों तरफ शहर फैल चुका है। सीतापुर हो, रायबरेली हो या फिर उन्नाव आसपास के जिलों की तक लोग का रह रहे हैं। मार्केट फैल चुका है ऐसे में जरूरी हो कि शहर का स्वरूप बड़ा हो। तभी लोगों को सुविधाएं मिल सकेंगी।

हालांकि अनुज कहते हैं कि एससीआर बनने से कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। जैसा का आपने देखा एनसीआर में कोई नियम दिल्ली में लागू होता उसका पालन पूरे एससीआर के सभी जिले में होता है। इसी तरह लोग फील करेंगे। इसी तरह से लखनऊ में इन 6 जिलों का केंद्र होगा। जोन नियम लखनऊ में लागू किए जाएंगे उसे एससीआर को भी मानना होगा। लखनऊ को इसका खास फायदा हो सकता है। जबकि बाकी के 5 जिलों का मामूली फायदा ही हो सकता है।

एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल।
एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल।

सवाल- आपको क्या लगता है एससीआर कैसे कार्य करेगा?

जवाब- एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल बताते हैं कि SCR का एक केन्द्र मुख्यालय होता है। इस मुख्यालय से ही विकास, नक्शा मंजूरी और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए नए नियम और मानक बनेंगे। इसमें प्रमुख जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास ही होगी। अन्य जिले में इसके नियम का पालन किया जाएगा।

एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल बताते हैं कि SCR का केन्द्र मुख्यालय लखनऊ होगा। जहां से योजनाएं संचालित की जाएंगी।
एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल बताते हैं कि SCR का केन्द्र मुख्यालय लखनऊ होगा। जहां से योजनाएं संचालित की जाएंगी।

सवाल- एससीआर में कौन-कौन किस पद पर रहेगा?

जवाब- जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया गया है कि एससीआर प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। मुख्य सचिव, विभागीय अपर मुख्य सचिव, विभागीय सचिव, कई महत्वपूर्ण विभागों के अपर मुख्य सचिव और सचिव सदस्य होंगे। मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन भी पदेन सदस्य होंगे। भारत सरकार द्वारा नामित और रक्षा मंत्रालय द्वारा नामित अधिकारी भी सदस्य होंगे। SCR प्राधिकरण के सचिव का पदभार मंडलायुक्त लखनऊ संभालेंगे।

सवाल- क्या दिल्ली-एनसीआसर से बेहतर विकल्प एससीआर बनेगा?

जवाब- एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल बताते हैं कि देखिए, विकल्प बनना तो मुश्किल है। क्योंकि देश की राजधानी से पूरे दुनियां का नेटवर्क रहता है। ये माना जा सकता है। एससीआर बनाने के विकल्प बनने से बेहतर सुविधाओं पर ध्यान देने पर फोकस किया जा सकता है। जिससे इस 6 जिले में बेहतर सुविधा बढ़ाई जा सकती है। विकास के नए तरीके ईजाद करने होंगे। ऐसे में इंडस्ट्रियल एरिया, कॉरपोरेट ऑफिस, आईटी सिटी जैसे हब बनाए जा सकते है।

एक्पर्ट अनुज अग्रवाल का मानना है कि SCR में इंडस्ट्रियल एरिया, कॉरपोरेट ऑफिस, आईटी सिटी जैसे हब बनाए जा सकते हैं।
एक्पर्ट अनुज अग्रवाल का मानना है कि SCR में इंडस्ट्रियल एरिया, कॉरपोरेट ऑफिस, आईटी सिटी जैसे हब बनाए जा सकते हैं।

सवाल? एनसीआर में रहने वाले लोगों का क्या लाभ मिलेगा?

जवाब- आम लोगों को लाभ मिलने को लेकर अनुज कहते हैं कि मुझे ऐसा लगता है ऑन पेपर तो सब अच्छा ही लगेगा। पर हकीकत में कुछ खास चीजें चेंज नहीं होंगी। लखनऊ और हरदोई वालों को फील होगा कि वह एससीआर में रह रहे है। फायदे होने की बात अलग है कि समस्या बढ़ेगी जो नियम लखनऊ के लिए बनेगा। वह सबके लिए लागू होगा।

सवाल- एससीआर से लखनऊ समेत छह जिले के लोगों को क्या मिलेगा?


जवाब-
 ​​​​​​एक्सपर्ट एसके त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ समेत छह जिले में इसका मास्टर प्लान भी एक होगा। एक ही ऑफिस से पूरे एससीआर का काम चलेगा। जैसे दिल्ली में मेट्रो एनसीआर में मेट्रों का संचालन होता है। ऐसे ही रीजनल मेट्रो का संचालन किया जा सकेगा। सिटी बस सेवा भी एक जैसी होगी। हाईटेक सड़कों और चौड़ाई में भी लाई जाएगी, जिससे लोग लखनऊ में न होकर भी अपने शहर में राजधानी जैसा अनुभव करेंगे। एससीआर में मकान बनाने समेत कई नियम अगल होंगे। जो केवल एससीआर में लागू होंगे।

सवाल- एससीआर से इन छह जिलों के लोगों का क्या मिलेगा?

जवाब- लोग खुद को प्रदेश में अलग मानेंगे। क्योंकि एससीआर का दायरा सीमित होता है। ऐसे में लोग फील करेंगे। वह प्रदेश की राजधानी लखनऊ के उस जिले में रह रहे है। जो स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी में आता है। लाभ मिलने की बात करें तो सड़क, मेट्रो, बिजली, पानी सेवाएं और बेहतर होगी। रियल स्टेट मार्केट में थोड़ा उछाल आएगा।

सवाल- उद्योगों के लिए क्या रहेगा?


जवाब-
 उद्योगों के लिए अवसर कहीं भी किसी राज्य में वहां की कानून व्यवस्था से मिलता है। उद्योगों का हब बनाने की बात करें वो तो सुविधा, बिजली, सड़क बेहतर होने का अहम रोल रहेगा। फिर भी एससीआर में इसका लाभ बहुत ज्यादा देखने को नहीं मिलेगा।

सवाल- रोजगार को लेकर आपकी राय क्या है?

जवाब- एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल मानते हैं कि रोजगार को लेकर कोई आकड़ा नहीं बताया जा सकता है। लेकिन रोजगार सरकार के पॉलिसी और नौकरी के लिए बेहतर ऑप्शन बनाने पर मिलेगा। इसलिए पर कुछ कहना या दावा करना मुश्किल होगा कितना रोजगार मिलेगा।

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