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रेलवे का कबाड़ रेलवे अफसरों और कर्मचारियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है।

आलमबाग में इसी रेलवे डिपो पर छापा मारकर CBI ने दरोगा और 2 अफसरों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। - Dainik Bhaskar
आलमबाग में इसी रेलवे डिपो पर छापा मारकर CBI ने दरोगा और 2 अफसरों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

रेलवे का कबाड़ रेलवे अफसरों और कर्मचारियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। आलमबाग में रेलवे स्टोर से निकलने वाले कबाड़ से RPF दरोगा मोटी कमाई कर रहा था। सीबीआई ने दरोगा को शुक्रवार (14 जून) को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

दरोगा स्क्रैप के काले खेल में लंबे समय से पैर जमा चुका था। रेलवे के अफसरों की तैनाती अपने हिसाब से कराता था। स्क्रैप बिकने पर किसे कितना कमीशन मिलेगा? इसका हिसाब-किताब भी वो खुद तय करता था।

रेलवे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि साल 2020 में दरोगा मनोज राय की स्टोर में तैनाती की गई थी। यहां पोस्टिंग के लिए उसने मोटी रकम खर्च की थी। धीरे-धीरे मनोज का वर्चस्व रेलवे में इतना बढ़ गया कि स्टोर डिपो से जुड़े सभी बड़े फैसले उसके हिसाब से होने लगे। यहीं नहीं मनोज राय अपना कमीशन भी बढ़ाता रहा।

प्रति टन कबाड़ पर 150 रुपए लेता था कमिशन

इसी कमीशन के लेनदेन ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पूछताछ में सामने आया कि दरोगा मनोज राय प्रति टन 150 रुपए और ड्यूटी ऑफ की मांग पर 300 रुपए कमीशन लेता था। सीबीआई के एक अफसर ने बताया कि इस मामले में शामिल अन्य कर्मचारियों की भूमिका की जांच हो रही है।

कोविड के बाद बढ़ी स्क्रैप की डिमांड

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड के बाद आलमबाग स्टोर में स्क्रैप कई मीट्रिक टन बढ़ गया था। बीते एक साल में करीब 80 मीट्रिक टन से ज्यादा स्क्रैप की नीलामी हुई। इसमें दरोगा मनोज राय सेटिंग करता था। घूस लेकर बिना रिकॉर्ड के ही ट्रकों को बाहर निकाल देता था।

सैलरी 75 हजार, कमीशन 300 से 1 हजार रुपए तक

आलमबाग रेलवे स्क्रैप नीलामी का बड़ा सेंटर है। दरोगा मनोज राय स्क्रैप की नीलामी से पहले ही ठेकेदारों से सेटिंग करता था। ​​​​​आरपीएफ के अधिकारी बताते हैं कि मनोज राय की सैलरी करीब 75 हजार रुपए प्रतिमाह है। लेकिन वह एक ट्रक स्क्रैप निकलवाने के लिए ठेकेदार से 300 से 1 हजार रुपए लेता था। एक टन स्क्रैप का 150 रुपए कमीशन सेट कर रखा था। इस बार 22 मीट्रिक टन स्क्रैप उठाना था, जिसमें उसकी गिरफ्तारी हुई।

शिकायत करने वाले ने कहा- हमेशा रिश्वत मांगते थे

विशाल ट्रेडर्स लखनऊ के प्रोपराइटर आकाश ने बताया कि 12 से 13 जून के बीच 28 टन के लॉट की डिलीवरी होनी थी। जब भी डिपो जाते तो रेलवे के अफसर और दरोगा पूरा पैसा बतौर रिश्वत मांगते। इसके बाद हमने सीबीआई से मामले की शिकायत की।

आकाश ने बताया कि चचेरे भाई विकास यादव के साथ आलमबाग स्टोर से हमने 50 मीट्रिक टन रेलवे स्क्रैप खरीदा था। दरोगा मनोज राय ने 1000 रुपए प्रति ट्रक, 150 रुपए प्रति टन और 300 रुपए ड्यूटी स्टॉफ की मांग की। जबकि डीएमएस अविरल कुमार ने 800 रुपए प्रति ट्रक और 100 रुपए प्रति टन की रिश्वत मांगी।

आकाश यादव की शिकायत पर सीबीआई ने 13 जून को FIR दर्ज की। 14 जून को दरोगा को 9 हजार रुपए और अविरल को 8200 रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। दोनों को शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया।

इससे पहले सीबीआई ने गुरुवार को नानपारा बहराइच में तैनात डाक सहायक विनोद कुमार 20 हजार रुपए घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था।

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