यूपी में पेपर लीक स्टिंग में नाम आने के बाद सुभासपा विधायक बेदी राम अंडरग्राउंड हो गए हैं। वह दो दिन से कहां हैं, इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं मिल रही है। पार्टी के नेताओं को भी उनकी लोकेशन की जानकारी नहीं है। मोबाइल बंद है।
पेपर लीक स्टिंग पर सरकार भी सख्त है। गुरुवार को सीएम योगी ने सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर को तलब किया। मुलाकात के बाद शुक्रवार सुबह राजभर दिल्ली पहुंच गए हैं। भाजपा हाईकमान ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, बेदी राम का 26 जून को एक वीडियो सामने आया। इसमें वह एक युवक से पेपर और लेन-देन की बात कर रहे हैं। बेदी राम कह रहे हैं- मैं बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश कई राज्यों में भर्ती कराता हूं। एक-एक परीक्षा में 40-40 लोगों की भर्ती कराता हूं।
सीएम योगी सख्त, अपनी बात नहीं रख पाए राजभर
इधर, सरकार ने स्टिंग वीडियो की जांच में STF को लगा दिया। मामला विधायक से जुड़ा है, ऐसे में STF को गोपनीय तरीके से जांच के लिए कहा है। STF लखनऊ में बेदी राम के घर के आसपास डेरा डाले है। सीएम ने पूरे मामले की जानकारी के लिए ओपी राजभर को गुरुवार शाम तलब किया। सूत्रों के मुताबिक, ओपी राजभर अपनी पार्टी के विधायक बेदी राम के मामले में खुलकर बोल नहीं रहे हैं।
इस मामले पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा- बेदी राम के वीडियो की सत्यता पता लगाने के लिए जांच होनी चाहिए। यही कहूंगा कि योगीजी पेपर लीक मामले पर सख्त हैं। ओमप्रकाश राजभर को भी ध्यान देना चाहिए।
राजभर ने भी कहा था- कॉल लेटर आए तो बेदीराम को कॉल कर लेना
बेदी राम के पेपर लीक विवाद के बीच सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है। इसमें राजभर बेदी राम का नाम लेते दिख रहे हैं। राजभर मुस्कराते हुए कहते हैं- किसी विभाग में नौकरी चाहिए। किसी भी विभाग में आपके भाई, बच्चे या बच्ची को नौकरी चाहिए, (तभी भीड़ से आवाज आती है- तो बेदीराम से मिलिए) तो फार्म भरने के बाद जब कॉल लेटर आ जाए तो इन्हें कॉल कर लेना। निश्चित है जुगाड़ तो बना ही देंगे।
ये देखने में ही ऐसे लग रहे हैं। इनके कम से कम कई लाख चेला लोग नौकरी कर रहे हैं। सबको इन्होंने नौकरी दिया है। तो आपको भी नौकरी चाहिए कि नहीं चाहिए। तो पढ़ाइए- लिखाइए अपने बच्चों को।
बेदी राम के खिलाफ पेपर लीक से जुड़े 3 राज्यों में 8 केस
विधायक बेदी राम के खिलाफ 3 राज्यों (यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान) में 8 केस दर्ज हैं। गैंगस्टर भी लग चुका है। पेपर लीक मामले में तिहाड़ जेल जा चुके हैं। रेलवे की नौकरी से हाथ भी धोना पड़ा। बेदी राम का नाम पेपर लीक मामलों से 24 साल से आ रहा है।
अब पढ़िए बेदी राम की कहानी
रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया
बेदी राम गाजीपुर की जखनियां सीट से विधायक हैं। वह मूल रूप से जौनपुर के जलालपुर के रहने वाले हैं लेकिन, सुभासपा ने उन्हें जखनियां विधानसभा सीट से टिकट दिया और जीतकर विधायक बन गए। बेदी राम को ओमप्रकाश राजभर का करीबी माना जाता है।
राजनीति में आने से पहले बेदी राम रेलवे में TTE थे। 10 साल पहले रेलवे की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में उनका सामने आया। इसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया था।
पहली बार साल 2000 में सामने आया था बेदी राम का नाम
विधायक का पहली बार पेपर लीक में नाम साल 2000 में सामने आया था। 2009 में उन्हें गिरफ्तार किया गया। फिर छत्तीसगढ़ CPMT परीक्षा (2012) के मामले में जेल गए। इस परीक्षा का पेपर लीक कराने में CBI ने गिरफ्तार कर उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया था।
मई, 2014 में मध्य प्रदेश में आयुर्वेद मेडिकल परीक्षा होनी थी। इसका पेपर लीक हो गया और परीक्षा रद्द करनी पड़ी। इसके बाद अभ्यर्थियों ने बेदी राम का नाम लिया था। 2013 में मध्य प्रदेश PCS में दो पेपर लीक हुए। इसके चलते 30 जुलाई को होने वाला इंटरव्यू रोक दिया गया था। साल, 2006 से अब तक बेदी राम के 56 सहयोगियों के नाम पुलिस चार्जशीट में सामने आ चुके हैं।
वीडियो क्यों और कैसे बाहर आया, पढ़िए
बेदी राम का स्टिंग करने वाला युवक जौनपुर का रहने वाला है। करीब 3 महीने पहले वह बेदी राम से मिलने उनके गाजीपुर वाले घर पहुंचा। वहां उसने बेदी राम से हुई बातचीत का वीडियो बना लिया। इसके बाद वह लगातार विधायक से अपने पैसे मांग रहा था। मगर, विधायक कोई जवाब नहीं दे रहे थे। विधायक युवक से मिलने से भी कतरा रहे थे। एक-दो दिन पहले भी युवक ने विधायक से मिलने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुआ। इसी के बाद उसने वीडियो वायरल कर दिया।
वीडियो की बातचीत सिलसिलेवार पढ़िए
युवक : (दूसरे युवक की ओर इशारा करते हुए) ये भी फंसे हैं। 3.5 लाख रुपए हैं। मेरी बहुत समझ में नहीं आ रहा।
विधायक : उनसे बता दीजिए, बस रिजल्ट निकल जाए, सारी जिम्मेदारी रिजल्ट निकलने तक रहती है।
युवक : नियुक्ति तक जिम्मेदारी होती है मेरे ख्याल से?
विधायक : नियुक्ति तक जिम्मेदारी कोई नहीं लेता है।
एक अन्य व्यक्ति की आवाज : इसी संबंध में ये (विधायक) भी बीच में फंसे हैं। नहीं तो यहां से हटा देते कि फाइनल रिजल्ट आ गया। अब 2 साल बाद कैंसिल हो गया, तो इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है।
विधायक : उसमें बहुत लोग फंसे हैं। जॉइनिंग की डेट आ गई, सब लोग पैसा दे दिए। केवल यही नहीं फंसे हैं।
युवक : किसी परिवार से सात लाख रुपए गया।
विधायक : हमारा तो करोड़ों चला गया, तो क्या जान दे दें? इसीलिए काम करा दीजिए। हमारा काम खत्म। आप होते, तो आप भी यही करते।
विधायक : अपने समर्थक (मीडिएटर को अपशब्द कहते हुए) साफ-साफ तुम्हें बताना चाहिए। मैंने काम करा दिया, रिजल्ट निकला, हमारा काम खत्म।
विधायक : मैं नहीं कराया हूं? मुझसे कोई आकर मांग ले। जब से ये (मीडिएटर) एक कराए, तब तक मैं बीस का कराया। इसी बार में नहीं, इसके पहले वाले में भी कराया। भूरे के तीन लड़के हुए हैं। तमाम लोग हुए हैं। मैं तो बाद में लेता हूं, पहले नहीं लेता। लेकिन जो एक लाख रुपए दिया, तो वो चला गया बात खत्म। और लोग पूरा-पूरा ले लिए हैं। यहीं गुड्डू सिंह पूरा ले लिए हैं, कोई जाकर ले।
युवक : हमारी बात भी सुन लीजिए।
विधायक : वही वाला कैंसिल हुआ है, (साथी से पूछते हुए) वही वाला क्या? मैं अंदर से कराया हूं। ये तो एक-एक भर्ती कराते हैं। मैं 40-50 कराता हूं।
युवक : अरे हमारी बात भी सुनेंगे विधायक जी?
विधायक : क्या?
युवक : जैसे जिसके घर से सात लाख रुपया आया है, वो भी तो कमजोर ही है, उस पर क्या विचार है, उसे कहीं सेट कराइए?
विधायक : (पास बैठे एक व्यक्ति से) ये भी तो गरीब ही हैं, कौन से धन्नासेठ हैं, ये कौन से अंबानी हैं?
युवक : विधायक जी अगर पूरा पैसा नहीं दे पा रहे हैं, तो कुछ काटकर पैसे दे दीजिए। अगर नहीं देना था, तो उसी समय कह दिए होते नहीं देंगे।
लखनऊ से भी बेदी राम हो चुके हैं गिरफ्तार
यह पहला मौका नहीं है, जब बेदी राम का नाम भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से जुड़ा है। इससे पहले भी वह रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। साल 2014 में यूपी STF ने उन्हें लखनऊ के आशियाना एरिया से गिरफ्तार किया था।