Breaking News

दर्जनों नेपाली बसें परिवहन विभाग को लगा रही हैं चूना। रुपईडीहा डिपो पर लगा है यात्रियों का टोटा।

नानपारा बहराइच- एक सोची समझी रणनीति के तहत नेपाली प्राइवेट बस मालिकों ने परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों से सांठ गांठ कर नेपाल भारत मैत्री की आड़ में नेपाल से दर्जनों बस भारतीय क्षेत्र में चलवा दी। अब हाल यह है कि रुपईडीहा रोडवेज बस डिपो पर नेपाली सवारियां ही नही हैं।

पूर्व में दिल्ली, हरिद्वार, शिमला, जयपुर, लखनऊ व वाराणसी तक नेपाली यात्री इन्ही रोडवेज की बसों से यात्रा किया करते थे। जिससे परिवहन विभाग को अच्छा खासा राजस्व मिलता था। इसी को देखकर विभाग ने रुपईडीहा को डिपो का दर्जा दे दिया। नेपाल में सरकार का कोई परिवहन विभाग नही नही है।

नेपाल के बड़े पूंजीपतियों ने एसी लग्जरी बसें खरीदकर नेपाल भारत मैत्री के नाम पर परिवहन विभाग के अधिकारियों को पटाया। यही नही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग के एमडी ने परिवहन मंत्री माननीय दयाशंकर सिंह को भारत नेपाल की मैत्री का हवाला देते हुए नेपाली 1, 2 बस के संचालन की अनुमति देने हेतु राजी कर लिया। 12 दिसंबर 2022 को परिवहन मंत्री ने यहां डिपो का उद्घाटन भी कर दिया।

अपने संबोधन में उन्होंने यह कहा था कि जितनी बसें नेपाल से आएंगी उतनी ही हमारी बसें नेपाल जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि दूर दराज के पर्वतीय क्षेत्रों में भी हमारी बसें जाएंगी।
नेपाली बस संचालकों ने धीरे धीरे अपनी बसों की संख्या बढ़ा दी। मिली जानकारी के अनुसार अकेले दिल्ली में ही कश्मीरी गेट पर 2, आनंद बिहार 2, सरोजनी नगर 2 व आश्रम के लिए 1 नेपाली बस नियमित चल रही है।

इसी प्रकार हरिद्वार व देहरादून के लिए दैनिक दो दो बसें जा रही है। यही नही ये नेपाली बसें नानपारा, लखीमपुर, गोला, बरेली व मुरादाबाद तक कि सवारियां लाती व ले जाती हैं। इस ओर विभागीय अधिकारियों का कोई ध्यान ही नही है। एआरटीओ की मिलीभगत से इन बसों की जांच तक नही की जाती।

रुपईडीहा में बैठे इनके दलाल भी अपना निर्धारित पारिश्रमिक लेकर पहरेदारी करते देखे जाते हैं। इसके पूर्व सवारियों को रुपईडीहा में उतर कर रिक्शो से पैदल नेपाल बार्डर तक जाना पड़ता था। अब यह बसें सीधे आईसीपी से होती हुई नेपाल में प्रवेश कर जाती हैं। इसलिए अब कोई भी नेपाली यात्री रोडवेज की बसों से यात्रा ही नही कर रही। इसलिए यह नेपाल भारत का मैत्री का सौदा आत्मघाती सिद्ध हो रहा है।

रुपईडीहा रोडवेज बस डिपो पर तैनात एआरएम राम प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नेपाली सवारियों का लगभग आना जाना बन्द हो चुका है। अब सवारियां सीधे नेपाल जाती व आती हैं। डिपो पर सन्नाटा पसरा रहता है।

नेपाली बसों के संचालक अपनी टिकट देते हैं जो हिंदी लिपि में है। 12 सौ 50 रुपये यात्री से लेते हैं। 12 सौ रुपयों की टिकट देते हैं। इसलिए इस नीति पर विराम लागाने की आवश्यकता है। अन्यथा रुपईडीहा डिपो ही टूट जाएगा। सरकार का यहां लगा करोड़ो रुपया बर्बाद हो जाएगा।

About admin

Check Also

नाबालिग बालिका के आरोपी को 72 घण्टे में मोतीपुर पुलिस ने पकड़ा

नाबालिग बालिका के आरोपी को 72 घण्टे में मोतीपुर पुलिस ने पकड़ा नाबालिग बालिका के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *