लखनऊ के कुकरैल नदी के बाद अब हैदर कैनाल नाले के किनारे हुए अवैध कब्जे को खाली कराया जाएगा। इस दौरान करीब 3000 स्थायी और अस्थायी मकान तोड़े जाएंगे। नाले की लंबाई करीब 14 किलोमीटर है।
ऐसे में 14 किलोमीटर लंबा अभियान चलेगा। जिसका क्षेत्रफल 50 हेक्टेयर है। जियामऊ के किनारे, पारा व सरोसा भरोसा में अतिक्रमण की समस्या है। इसे हटवाने के लिए टीमों का गठन किया जा चुका है। डीएम सूर्य पाल गंगवार ने इसको लेकर निर्देश दिया है।
उन्होंने अधिकारियों के साथ इसको लेकर बैठक भी की थी। इसमें तय किया गया कि नाले के दोनों तरफ हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा। यहां करीब पांच दशक से ज्यादा समय से अतिक्रमण बढ़ता रहा है। साल दर साल नाले की चौड़ाई कम हो रही है।
पिछले दिनों इसको लेकर राजनीति भी शुरू हुई। जब भीम आर्मी चीफ और सांसद चंद्रशेखर रावण ने छितवापुर इलाके में दौरा किया। वहां लोगों ने यह मुद्दा उठाया था। जिसके बाद चंद्रशेखर ने इसको लेकर संसद तक में आवाज उठाने की बात कही थी।
लोगों ने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो बड़ा आंदोलन होगा। लखनऊ में इससे पहले कुकरैल नाला (अब नदी ) के किनारे बने करीब 1800 मकान को तोड़ दिया गया था। उस दौरान भी 50 हजार की आबादी को घर छोड़ना पड़ा था।
एक सप्ताह में योजना बनाकर अभियान शुरू करें
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि विस्तृत कार्य योजना बनाते हुए 1 सप्ताह में अतिक्रमण हटवाना सुनिश्चित किया जाए। लखनऊ में हैदर कैनाले के किनारे कम से कम एक लाख से ज्यादा की आबादी रहती है।
इसमें 80 फीसदी लोग गरीब और ऐसे वर्ग से आते हैं, जिनके पास रहने के लिए घर या कोई भी ठिकाना नहीं है। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूरा पक्का निर्माण कर लिया है। नाका बाजार समेत कई इलाको में हैदर कैनाल की चौड़ा बहुत ज्यादा कम हो गई है।