इलाके में RAF, PAC और स्थानीय पुलिस तैनात है। डीएम मोनिका रानी ने बताया- जिन घरों में तोड़फोड़ की गई है, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। अफवाहों को रोकने के लिए जिले में 16 अक्टूबर तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है। हिंसा में मारे गए राम गोपाल के परिजन योगी से मिलने सीएम हाउस पहुंच गए हैं। पुलिस का फोकस अभी शांति व्यवस्था बनाए रखने पर है। वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस ने आगजनी करने वालों की पहचान शुरू कर दी है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश समेत सीनियर पुलिस ऑफिसर अभी बहराइच में डेरा डाले हैं
40 घंटे बाद सीतापुर रूट चालू
हिंसा के बाद बंद किए गए सीतापुर रूट को प्रशासन ने चालू कर दिया है। 40 घंटे बाद रूट को बहाल किया गया है।
राम गोपाल के पिता बोले- आरोपियों का एनकाउंटर हो
बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के परिजन सीएम योगी से मिलने के लिए लखनऊ आ रहे हैं। मृतक की मां, पत्नी और पिता ने कहा- हम मुख्यमंत्री से मिलकर उचित कार्रवाई की मांग करेंगे। पिता ने कहा- जिस तरह से मेरे बेटे को गोली मारी गई है, वैसे ही आरोपियों का भी एनकाउंटर किया जाए।
घरों में सन्नाटा, सड़कें खाली
बहराइच के हिंसाग्रस्त एरिया में सुबह इलाके में 50 से अधिक घरों में तोड़फोड़ की गई है। घरों के बाहर खड़े 10 वाहनों को जला दिया गया है। इन घरों में एक भी शख्स नहीं है। हरदी और महसी के 20 किमी इलाके में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।
महरागंज इलाके में एक भी स्थानीय आदमी सड़क पर नहीं दिख रहा है। डीएम मोनिका रानी ने बताया- जिन घरों में तोड़फोड़ की गई है, उनको चिह्नित किया जा रहा है। अफवाहों को रोकने के लिए जिले में 16 अक्टूबर तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
मायावती ने कहा- बहराइच में पक्षपात न हो
बसपा प्रमुख मायावती ने बहराइच हिंसा को लेकर सोशल मीडिया X पर दो पोस्ट किया है। इसमें लिखा- यूपी के बहराइच जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति का खराब होकर काबू से बाहर हो जाना चिन्ताजनक।
ऐसे हालात के लिए शासन-प्रशासन की नीयत व नीति पक्षपाती नहीं बल्कि पूरी तरह से कानूनवादी होना चाहिए ताकि सम्बंधित मामला गंभीर न होकर यहां शान्ति व्यवस्था की स्थिति बनी रहे। साथ ही, त्योहार कोई भी व किसी मजहब का हो, शान्ति व्यवस्था सरकार की पहली जिम्मेदारी है। ऐसे अवसर पर विशेष प्रबंध जरूरी।
यदि ऐसी जिम्मेदारी निभाई गई होती तो बहराइच की घटना कभी भी घटित नहीं होती। सरकार हर हाल में अमन-चैन व लोगों के जान-माल व मजहब की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
आज राम गोपाल के परिजनों से मिलेंगे योगी
सीएम योगी हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के परिवार से आज मुलाकात करेंगे। परिवार को सरकार आर्थिक मदद दे सकती है।
20 किमी का एरिया हिंसा प्रभावित
रमपुरवा चौकी, महाराजगंज, महसी तहसील समेत करीब 20 किमी का एरिया हिंसा प्रभावित है। सोमवार को आगजनी में भीड़ ने एक अस्पताल, 20 से ज्यादा दुकानों और घरों में आग लगा दी थी। रातभर फोर्स ने हिंसा प्रभावित इलाकों में गश्त की है। लोगों में गुस्सा इसलिए भी ज्यादा है कि अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
रातभर पुलिस गश्त करती रही, हर चौराहे पर फोर्स तैनात रही
शाम से ही हर चौराहे पर पुलिस और PAC तैनात है। आने वाली हर गाड़ी की चेकिंग हो रही है।
हालात बेकाबू हुए तो सीएम योगी ने आला अफसरों को भेजा
बहराइच हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद लोगों में भारी गुस्सा है। शुरुआती रिव्यू में सामने आया है कि जिला प्रशासन और पुलिस भांप हालात को भांप नहीं सकी। खुफिया महकमे (एलआईयू) से हुई चूक हुई। इसी वजह से मामला इतना बढ़ गया। यह बात सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन और पुलिस के आला अफसरों को बहराइच के लिए रवाना किया। सूत्रों के मुताबिक मामला शांत होने के बाद बहराइच में कुछ अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले- आरोपियों और उनके मददगारों को बख्शा नहीं जाएगा
बहराइच हिंसा पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा-ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हमारी सरकार सतर्क है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने मामले का संज्ञान लिया है। आरोपियों और जिन लोगों ने आरोपियों की किसी भी तरह से मदद की है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
अखिलेश ने कहा- चुनाव का आना, माहौल बिगड़ जाना, ये इत्तफाक नहीं
हालात बेकाबू हुए, एडीजी पिस्टल लेकर उतरे
बहराइच में हिंसा बेकाबू होती जा रही थी। आगजनी कर रही भीड़ जब नहीं मानी तो एसटीएफ चीफ और लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश को मैदान में उतरना पड़ा। उन्होंने आगजनी कर रही भीड़ को हाथ में पिस्टल लेकर खदेड़ा।
सोमवार को हुई हिंसा
पुलिस ने 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया
पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिसमें 6 नामजद और 4 अज्ञात हैं। नामजद में अब्दुल हमीद, रिंकू उर्फ सरफराज, फहीम, राजा उर्फ साहिर खान, ननकऊ, मारुफ अली के नाम हैं।
युवक का शव घर पहुंचने के बाद फिर शुरू हुआ प्रदर्शन
पोस्टमॉर्टम के बाद सोमवार सुबह परिजन शव लेकर गांव पहुंचे। मृतक राम गोपाल के घर पर करीब 6 हजार लोग पहले से मौजूद थे। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश था।
गांव में एक बटालिएन पीएसी, पांच थानों की पुलिस तैनात की गई। इसके अलावा पड़ोसी जनपद से पुलिस फोर्स बुलाई गई।
रामगोपाल मिश्रा के शव को चारपाई पर रखकर ग्रामीण महसी ले आए। तहसील पर शव रख कर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान भीड़ उग्र हो गई। लोगों ने गाड़ियों के शोरूम, दुकानों, मकानों और अस्पताल में आग लगा दी। पुलिस को पीछे हटना पड़ा
पहले दिन हुई हिंसा
युवक की हत्या के बाद लोग उग्र हो गए
थोड़ी देर बाद हिंसा भड़क गई। पथराव-आगजनी के साथ 20 राउंड से अधिक फायरिंग हुई।
इसी दौरान रेहुवा मंसूर निवासी राम गोपाल मिश्रा (22) दूसरे पक्ष के एक मकान पर चढ़कर झंडा उतारने लगा। यह देख मुस्लिम समुदाय के लोग राम गोपाल को घसीट कर अपने घर में ले गए। वहां उसकी पिटाई की, चाकू से हमला किया और कई गोलियां मारी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
लोग उसे मेडिकल कॉलेज लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवक की मौत से आक्रोशित लोगों ने रात में सड़क पर जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मूर्ति विसर्जन रोक दिया। रातभर प्रदर्शन चला। पुलिस ने दो बार लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। लोगों ने आगजनी कर दी।
मौके पर रात में ही डीएम और एसपी पहुंचीं। कई थानों की फोर्स बुलाई गई।
जानिए बहराइच में हिंसा क्यों हुई थी
बहराइच मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर महराजगंज बाजार में रविवार शाम 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा निकाली जा रही थी। यात्रा में शामिल लोग नाचते-गाते और जयकारा लगाते जा रहे थे। इसी दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने डीजे बंद करने को कहा। इस बात को लेकर दोनों समुदाय के लोगों में विवाद हो गया