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सीतापुर थाना मछरेहटा दरोगा मनोज कुमार का शव पोस्टमॉर्टम के बाद आज लखनऊ के बिजनौर लाया गया।

सीतापुर में थाने में सुसाइड करने वाले दरोगा मनोज कुमार का शव पोस्टमॉर्टम के बाद आज लखनऊ के बिजनौर लाया गया। शव देखते ही घरवालों ने हंगामा कर दिया। शव को सड़क पर रख प्रदर्शन शुरू कर दिया।

उनकी मांग है कि शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया जाए। इसके साथ ही हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। हंगामे की सूचना पर अफसर मौके पर पहुंचे। ढाई घंटे बाद अफसरों ने कार्रवाई का आश्वासन देकर घरवालों को शांत करावाया।

इधर, दरोगा की पत्नी गीता ने कहना है कि उन्नाव से 10 मार्च को, जो SHO आया है, उसकी वजह से सब हुआ है। उसे पैसे चाहिए होते थे। वो गलत काम कराता था। बहुत दबाव डालता था। अगर, किसी का कोई मामला है। वो घर पर नहीं मिलता, तो उसके रिश्तेदारों को घर से उठवा लेता था।

दरोगा के शव को सड़क पर रखकर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया है।
दरोगा के शव को सड़क पर रखकर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया है।

पत्नी ने कहा, उनसे पैसे लेता था। खुद कोई काम नहीं करता था, दूसरों से दबाव डालकर गलत काम कराता था। जबरन अपने लोगों को दारू पकड़ने के लिए भेज देता था। लास्ट टाइम जब पति से बात हुई थी, तो उन्होंने कहा कि हम 15 दिन से बहुत तनाव में हैं। हमारे ऊपर दबाव बहुत डाला जा रहा है। ड्यूटी करना मुश्किल हो रहा है।

यह दरोगा मनोज कुमार की पत्नी गीता हैं। इन्होंने बताया कि उनके पति बहुत तनाव में थे। थाने के SHO पति को परेशान कर रहे थे।
यह दरोगा मनोज कुमार की पत्नी गीता हैं। इन्होंने बताया कि उनके पति बहुत तनाव में थे। थाने के SHO पति को परेशान कर रहे थे।

चलिए, अब सिलसिलेवार तरीके से पूरी घटना बताते हैं….

फोन पर किसी से बहस हुई, फिर दे दी जान

यह फोटो जिला अस्पताल की है। दरोगा के सुसाइड का पता चलते ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंच गए।
यह फोटो जिला अस्पताल की है। दरोगा के सुसाइड का पता चलते ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंच गए।

दरअसल, सीतापुर में शुक्रवार को थाने के अंदर दरोगा मनोज कुमार (50) ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से कनपटी में गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। दरोगा ने अपने थानाध्यक्ष (SHO) पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। वारदात शुक्रवार सुबह 10.30 बजे मछरेहटा थाने की है।

वह कुछ देर पहले ही घर से थाने पहुंचे थे। इसी दौरान किसी का फोन आ गया। बातचीत के दौरान उनकी फोन पर ही बहस हुई। इसके बाद उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकाली फिर कनपटी पर रखकर ट्रिगर दबा दिया। फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के पुलिसकर्मी दौड़कर पहुंचे। उनको तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

थाने आए, फोन पर बात की और गोली मार ली

थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि दरोगा मनोज कुमार शुक्रवार सुबह थाने पर पहुंचे। वह फोन पर किसी से बात कर रहे थे। अचानक उनकी बहस होने लगी। इसके बाद उन्होंने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। आशंका है कि वह परिवार से बात कर रहे थे। लेकिन, यह अभी साफ नहीं है। पोस्टमॉर्टम के बाद मनोज का शव देर रात सीतापुर पहुंचे घरवालों के हवाले कर दिया गया।

सोशल मीडिया से मिला दरोगा का सुसाइड लेटर

सोशल मीडिया से दरोगा मनोज कुमार का एक लेटर बरामद हुआ है। इसमें उन्होंने मछरेहटा थाने के SHO राज बहादुर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेटर में लिखा- सत्यता/ कार्रवाई हेतु, श्रीमान जी आप सभी जनमानस को हम जानकारी देते हैं कि जो भी कर्मी निष्ठावान तरीके से जितना भी काम कर्म और ड्यूटी करे, अगर वह अपने अधिकारियों को हर महीने चढ़ावा न चढ़ाए तो सब बेकार है। कार्यालय के लोगों को समझना पड़ता है।

सोशल मीडिया से दरोगा मनोज कुमार का एक लेटर मिला है, जिसमें उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
सोशल मीडिया से दरोगा मनोज कुमार का एक लेटर मिला है, जिसमें उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

SHO पर लगाए आरोप

थाना मछरेहटा में जब से SHO राजबहादुर सिंह आए हैं, सभी कर्मचारी परेशान हैं। वह सभी विवेचनाओं में रुपए की मांग करते हैं। मांग पूरी नहीं होने पर अभद्र टिप्पणी और अपमानित करते हैं। आगे भी उन्होंने कुछ अन्य लोगों के नाम लिखे हैं। उन्होंने लेटर में एक लापता किशोरी के बरामद नहीं होने का भी जिक्र किया है। लिखा है कि इस केस में हमारी अकेले ड्यूटी लगाई गई। मैं अकेले ही काम करता रहा। किसी ने मेरा सहयोग नहीं किया।

एसपी चक्रेश मिश्रा ने थाने पहुंचकर जांच की। उन्होंने साथी पुलिसकर्मियों से पूछताछ की।
एसपी चक्रेश मिश्रा ने थाने पहुंचकर जांच की। उन्होंने साथी पुलिसकर्मियों से पूछताछ की।

दीवान से दरोगा बने थे मनोज कुमार

मनोज कुमार फतेहपुर के कल्याणपुर क्षेत्र के जलाला गांव के रहने वाले थे। वह 1990 में पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। 2023 में प्रमोशन पाकर वह दरोगा बन गए थे। सीतापुर कोतवाली देहात से 31 अक्टूबर 2023 को थाना मछरेहटा में तैनात किए गए थे। 5 महीने से वह हलका नंबर-4 में तैनात थे। साथी पुलिसकर्मियों ने बताया कि उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। सरल स्वभाव के थे। ऐसे में उनके आत्महत्या करने से हर कोई शॉक्ड है।

यह तस्वीर दारोगा मनोज कुमार की है। इन्होंने थाने में खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया।
यह तस्वीर दारोगा मनोज कुमार की है। इन्होंने थाने में खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया।

10 भाई-बहनों में मृतक दरोगा सबसे बड़े थे

दरोगा मनोज कुमार गरीब परिवार में जन्मे थे। पिता रामऔतार गौड़ ने मेहनत-मजदूरी कर 10 बच्चों का पालन पोषण किया। 8 बहनों और दो भाइयों में मनोज सबसे बड़े थे। लखनऊ के बिजनौर इलाके में उनका घर था। जहां पत्नी गीता देवी और तीन बच्चे ऋतिक उर्फ आकाश, आंचल और शिवेंद्र उर्फ सिब्बू के साथ रहते थे। मार्च में वह 5 दिनों की छुट्टी में अपने घर भी आए थे। पिता रामऔतार के अनुसार, वह खुद गोली नहीं मार सकते।

दरोगा का मोबाइल सीज, जांच के लिए भेजा

SP चक्रेश मिश्रा ने बताया कि मनोज की 5 महीने पहले ही छरेहटा थाने में पोस्टिंग हुई थी। थानाध्यक्ष सहित 5 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का प्रस्ताव भी चुनाव आयोग को भेजा है। इनमें प्रभारी निरीक्षक राजबहादुर, मुख्य आरक्षी रंजीत कुमार यादव, मुख्य आरक्षी अबू हादी, आरक्षी सुनील कुमार, आरक्षी शाने आलम शामिल हैं।

शुक्रवार को दरोगा के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। सुबह उनका शव लखनऊ लाया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दरोगा का मोबाइल सीज कर दिया है। उसे जांच के लिए भेजा जाएगा।

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