अमित शाह फेक वीडियो केस में मंगलवार 30 मई को गुजरात के अहमदाबाद से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। एक आरोपी कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी का पीए और दूसरा AAP कार्यकर्ता है। इस केस में सोमवार 29 अप्रैल को भी असम से एक आरोपी गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, दिल्ली पुलिस की यूनिट इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (IFSO) ने इस मामले में 16 लोगों को समन भेजा है। ये सभी 7-8 राज्यों से हैं। तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को 29 अप्रैल को ही समन भेजा जा चुका है। इन सभी लोगों को 1 मई को दिल्ली में IFSO यूनिट में पेश होना होगा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 16 में से 6 लोग तेलंगाना कांग्रेस के सदस्य हैं, जिनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी को संबंधित दस्तावेज और सबूत के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (मोबाइल-लैपटॉप) लाने को कहा है।
शाह ने कहा- आरक्षण पर कांग्रेस ने डाका डाला
फेक वीडियो को लेकर मंगलवार 29 मई को गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कांग्रेस ने उनका फेक वीडियो बनाकर वायरल किया, वह जनता को गुमराह कर रही है।’ शाह ने असम के गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने ओरिजिनल और फेक वीडियो प्ले किया।
गृह मंत्री ने कहा, ‘दूध का दूध पानी का पानी हो गया है। हमारी पार्टी एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के समर्थन में है। इन समुदायों के आरक्षण पर अगर किसी ने डाका डाला है तो वह कांग्रेस पार्टी ने डाला है। फेक वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस में एक शिकायत भाजपा ने और दूसरी शिकायत गृह मंत्रालय ने की थी। भाजपा ने देशभर में FIR दर्ज कराने का फैसला किया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को भी पूछताछ का नोटिस भेजा है।’
फेक वीडियो केस में FIR की कॉपी …
क्या है अमित शाह का डीपफेक वीडियो मामला?
27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और CM रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। PTI की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी।
इस मामले को लेकर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन जारी किया। उनसे 1 मई को पूछताछ होगी।
अब तक क्या एक्शन लिया गया
1. तेलंगाना सीएम को नोटिस, फोन लाने को कहा
दिल्ली पुलिस ने नोटिस में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को अपना फोन लाने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक रेड्डी के फोन की भी जांच की जाएगी। रेवंत को नोटिस इसलिए भेजा गया, क्योंकि रेवंत ने भी अपने एक्स अकाउंट से अमित शाह के फेक वीडियो को शेयर किया था। तेलंगाना कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट समेत पार्टी के कई नेताओं ने इस वीडियो को शेयर किया था। अब सभी पोस्ट हटा ली गई हैं।
2. असम से गिरफ्तार हुआ, वीडियो एडिट करने वाला
असम के मुख्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 29 अप्रैल को पोस्ट शेयर की। उन्होंने बताया कि अमित शाह का वीडियो एडिट करने वाले को असम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि आरोपी का नाम रीतोम सिंह है।
3. गुजरात के अहमदाबाद से 2 गिरफ्तारियां
गुजरात के अहमदाबाद में साइबर क्राइम पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक का नाम सतीश वंसुला है और दूसरे का नाम आरबी बारिया है। वंसुला विधायक जिग्नेश मेवाणी के पीए हैं और बारिया AAP कार्यकर्ता।
4. रेवंत रेड्डी के अलावा 6 और नेताओं को नोटिस
रेवंत रेड्डी के अलावा समाजवादी पार्टी नेता, झारखंड और नगालैंड के 2 कांग्रेस नेता। असम के 3 अपोजिशन लीडर को नोटिस भेजा गया है। दिल्ली पुलिस ने अपनी टीमों को झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और नगालैंड में जांच के लिए भेजा है।
5. दिल्ली पुलिस ने फेसबुक और X से मांगी जानकारी
दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्री के एडिटेड वीडियो को लेकर X और फेसबुक को लेटर भी लिखा है। साथ ही दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जानकारी मांगी है कि ये एडिटेड वीडियो किस अकाउंट से पोस्ट किया गया है। जिन्होंने वीडियो पोस्ट किया, उन्हें समन भेजा जा रहा है।
भाजपा IT हेड ने पोस्ट कर शिकायत की थी
BJP के IT सेल के हेड अमित मालवीय ने 27 अप्रैल को तेलंगाना कांग्रेस की ओर से शेयर किए गए इस फेक वीडियो को एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना कांग्रेस एडिटेड वीडियो फैला रही है, जो पूरी तरह से फेक है। इससे बड़े पैमाने पर हिंसा होने की आशंका है।
उन्होंने आगे कहा कि यह फर्जी वीडियो कई कांग्रेसी नेताओं ने शेयर किया है, अब वे कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इस पोस्ट के बाद एक्शन शुरू हुआ।
केस से जुड़े 3 बयान
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: जो लोग भाजपा सरकार का सामना नहीं कर पा रहे हैं, वो तकनीक का गलत इस्तेमाल कर फेक वीडियो फैला रहे हैं। जब उनके झूठ काम नहीं कर रहे हैं, तब वो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से मुझ जैसे नेताओं का चेहरा इस्तेमाल कर रहे हैं और मोहब्बत की दुकान पर फेक वीडियो बेच रहे हैं। विपक्षी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर मेरे जैसे नेताओं के बयानों को तोड़मरोड़ रहे हैं।
2. गृह मंत्री अमित शाह: सबसे पहले कांग्रेस ने संयुक्त आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को आरक्षण दिया। कर्नाटक में उन्होंने रातों-रात बिना किसी सर्वे, पिछड़ापन तय किए बगैर सारे मुसलमानों को OBC कैटेगरी में डालकर उनके लिए 4% का कोटा रिजर्व कर दिया, इससे पिछड़ा वर्ग का रिजर्वेशन कटा है। कांग्रेस अब प्रचार कर रही है कि भाजपा 400 पार करने के बाद संविधान बदल देगी और आरक्षण को समाप्त कर देगी। ये दोनों चीजें निराधार और तथ्यहीन है।
तेलंगाना मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी बोले: दिल्ली पुलिस के समन के बाद रेवंत रेड्डी ने कर्नाटक के कलबुर्गी में कहा- मुझे पता चला है कि दिल्ली पुलिस भी तेलंगाना कांग्रेस के दफ्तर पर पहुंच गई है। सोशल मीडिया पर किसी ने कुछ पोस्ट किया और वे लोग तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष और तेलंगाना के सीएम को गिरफ्तार करने चले आए। कोई भी उनसे डरने नहीं वाला है। हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे।
भागवत बोले- RSS हमेशा आरक्षण के पक्ष में: कुछ लोग झूठ फैला रहे; शाह ने कहा- भाजपा के रहते कांग्रेस आरक्षण को छू नहीं पाएगी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने 28 अप्रैल को कहा कि संघ ने कभी भी कुछ खास वर्गों को दिए जाने वाले आरक्षण का विरोध नहीं किया है। हैदराबाद में एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि संघ का मानना है कि जब तक जरूरत है, आरक्षण जारी रहना चाहिए। भागवत ने यह बात भाजपा और कांग्रेस के बीच आरक्षण को लेकर चल रहे बयानों के बाद कही।