CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड रिजल्ट में लखनऊ के कई स्टूडेंट्स ने टॉप किया है। इन टॉपर्स की खुद की अपनी सक्सेस स्टोरी है। किसी ने भाई के तानों से खुद को पढ़ाई के लिए मोटिवेट किया तो किसी ने कोचिंग की जगह क्लासरूम को तरजीह दी। इनमें से कुछ स्टूडेंट्स ने UPLIVENEWS से बातचीत कर अपने सक्सेस और स्ट्रगल को शेयर किया।
आइए पढ़िए..टॉपर्स की कहानी उन्हीं की जुबानी
LPS साउथ सिटी स्कूल की छात्रा आयुषी पटेल को 12वीं में 98.4% अंक मिले हैं। पिता अजय कुमार पटेल यूपी पुलिस में हैं। मां पूनम देवी हाउस वाइफ हैं। बड़ा भाई निजी संस्थान से बीटेक कर रहा है। आयुषी कहती हैं कि पियर प्रेशर का दबाव सभी स्टूडेंट पर थोड़ा बहुत रहता है।
टीचर्स के कारण इसे बहुत ज्यादा फील नहीं किया। स्कूल और घर में सपोर्टिंग माहौल रहा। इसलिए कही कोई समस्या नहीं आई। आयुषी कहती हैं कि हमारी नजर में देश की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक है। कई बार एंबुलेंस भी फंसी रहती है। इससे तत्काल निजात दिलाने की जरूरत है।
97.4% लाने वाले हर्ष बनना चाहते हैं डॉक्टर
RLB में 12वीं के PCB स्ट्रीम के छात्र हर्ष सिंह को 97.4% अंक मिले हैं। परिवार में माता-पिता के अलावा बड़ी बहन है। पिता बिजनेसमैन हैं। मां और बहन भी जॉब करती हैं। हर्ष कहते हैं कि हमने सेल्फ स्टडी पर फोकस किया। कभी ट्यूशन की जरूरत नहीं महसूस हुई। अब डॉक्टर बनना चाहता हूं।
पियर प्रेशर के सवाल पर हर्ष ने कहा कि कंपटीशन से डेवलपमेंट होता है। इसलिए इसे नेगेटिव नहीं लेना चाहिए। खुद से बेहतर स्कोर करने वालों से इंस्पायर होकर परफॉर्मेंस को इंप्रूव करना चाहिए। पिता संजय सिंह कहते हैं कि हर्ष बचपन से सेल्फ मोटिवेटेड था। जिस फील्ड में करियर बनाना चाहता है, उसकी मर्जी। इसको लेकर कोई दबाव नहीं है।
घर में पढ़ाई का नहीं रहा प्रेशर
लखनऊ के जीडी गोयनका स्कूल की स्टूडेंट आस्था को 97.4% अंक मिले हैं। पिता यूपी मिश्रा सरकारी नौकरी करते हैं। मां शीला मिश्रा हाउस वाइफ हैं। एक बड़ी बहन है, जो NGO में काम करती है। बड़ा भाई DU से पढ़ाई करता है। आस्था कहती हैं कि घर में पढ़ाई को लेकर कभी प्रेशर नहीं रहा। यही कारण है कि खुद के सुविधा के लिहाज से पढ़ाई की। अब जब रिजल्ट आया तो सभी खुश हैं।
कोचिंग नहीं, क्लास रूम पर ज्यादा फोकस
इधर, DPS जानकीपुरम स्कूल से दसवीं बोर्ड परीक्षा में वंदिता उपाध्याय को 98.6% अंक मिले हैं। पिता डॉ. डीएन उपाध्याय KGMU में प्लास्टिक सर्जन हैं। मां डॉ. वैशाली उपाध्याय विवेकानंद पॉलीक्लिनिक में पदस्थ हैं। वंदिता कहती हैं कि हमने क्लास रूम की पढ़ाई पर ज्यादा फोकस किया। रेफरेंस बुक की जगह NCERT की किताबों से पढ़ाई की। टीचर्स द्वारा बताए गए इंर्पोटेंट टॉपिक्स को ध्यान से पढ़े।
फोकस सेल्फ स्टडी पर था। कोचिंग क्लास नहीं ज्वाइन की थी। माता-पिता से मोटिवेशन मिला। स्कूल में पियर प्रेशर जैसा अनावश्यक दबाव नहीं महसूस हुआ। अब CLAT की तैयारी कर रही हूं। सुप्रीम कोर्ट की वकील बनना चाहती हूं।
समृद्धि भाई के ताने सुनकर बनी टॉपर
लखनऊ के RLB स्कूल की छात्रा समृद्धि तिवारी कहती हैं कि मेरे 98.2% मार्क्स आए हैं। ऐसा नहीं कि मैंने घर में कोई काम ही नहीं किया, घर में सबसे छोटी होने के कारण अक्सर पढ़ाई के दौरान ही लोग काम करने को कह देते थे। फिर करना पड़ता था।
घर में पढ़ाई के दौरान भाई ताने मारता। कहता यदि मन लगाकर नहीं पढ़ी तो अच्छे नंबर नहीं आएंगे। इसलिए शुरू से टॉप करने का लक्ष्य था। मैं जब घर में मॉक टेस्ट भी देती थी। रिवीजन के बाद कई बार भाई भी टेस्ट लेता था। इससे प्रैक्टिस अच्छी हो गई थी।
न्यूरोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं हिमाद्री
LPS सेक्टर आई ब्रांच की स्टूडेंट हिमाद्री तिवारी को 10वीं में 98.3% अंक मिले हैं। पिता प्रशांत कुमार तिवारी फार्मास्यूटिकल में व्यवसाय करते हैं। मां बिंदु तिवारी हाउस वाइफ हैं। हिमाद्री कहती हैं कि इस कामयाबी के हकदार मेरे बड़े भाई हैं। मेरा भरोसा NCERT की किताबों और सेल्फ स्टडी पर ज्यादा था। इसलिए कोचिंग क्लास भी नहीं ज्वाइन की थी। अब मैं DMPS की डॉक्टर बनना चाहती हूं।
खुद से बनाए इम्पोर्टेन्ट सवालों के नोट्स, अब एस्ट्रोनॉमी फील्ड जाने की चाहत
CBSE 10वीं बोर्ड में LPS सेक्टर ब्रांच की स्टूडेंट भाविका सिंह के 99% आए हैं। पिता आरडी सिंह LIC में असिस्टेंट क्लर्क हैं। मां रानू सिंह हाउस वाइफ हैं। छोटा भाई पांचवी में पढ़ाई करता है। भाविका आगे IIT से बीटेक फिर एस्ट्रोनॉमी में रिसर्च करना चाहती है।
वह कहती हैं कि स्कूल के अलावा 4 से 5 घंटे की रेगुलर पढ़ाई की। कोचिंग क्लास की जगह खुद से नोट्स बनाए। पढ़ाई को लेकर प्रेशर नहीं था। क्लास रूम टीचिंग के अलावा स्टडी मटेरियल और आरडी शर्मा जैसी बुक्स की सहायता ली।
कोचिंग क्लास से रिवीजन में रही आसानी
लखनऊ के जीडी गोयनका स्कूल से दर्श मिश्रा को 97.2% अंक मिले हैं। पिता मनीष मिश्र नेवी में हैं। पियर प्रेशर को लेकर दर्श कहते हैं कि इसे कभी अहमियत ही नहीं दी। सभी से मदद लेकर पढ़ाई की। आगे एस्ट्रोनॉमी या स्पेस साइंस में अपना करियर बनाना चाहते हैं। बचपन से इस क्षेत्र में जाने की इच्छा है। यही कारण हैं कि कोई अन्य लक्ष्य नहीं निर्धारित किए हैं।